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सुपार्श्व
चन्द्रप्रभ
सुविधि:
शीतल
श्रेयांस
वासुपूज्य
M 26 केवलज्ञान से पूर्व दस महास्वप्न
Ten great dreams before omniscience M 27 (१) ऋजुबालुका नदी के तट पर भगवान महावीर को कैवल्य प्राप्ति
(1) Bhagavan Mahavir attains omniscience on the bank of the river Rijubaluka (२) भगवान महावीर की देवों की उपस्थिति में प्रथम देशना
(2) The first discourse in presence of gods M28 इन्द्रभूति का आगमन और महावीर के चरणों में सर्वात्मना समर्पण
ध्वजा Indrabhuti's arrival and total submission before Mahavir P1 (१) क्षमा माँगते मरुभूति पर कमठ द्वारा पत्थर मारना (1) Kamath hitting bowing Marubhuti with stone
(२) कुर्कुट सर्प द्वारा यूथपति हस्ती के मस्तक पर दंश
(2) Kurkut serpent biting the king elephant on its head P2 पार्श्वकुमार द्वारा यवनराज विजय
Victory over Yavan by Parshva Kumar P3 “कमठ के अग्नि-कुण्ड से सर्प-युगल की रक्षा और उनका धरणेन्द्र-पद्मावती बनना
Saving the pair of serpents from the fire of Kamath and their reincarnation as Dharnendra-Padmavati P4 मेघमाली (कमठासुर) द्वारा उपसर्ग और धरणेन्द्र-पद्मावती का प्रकट होना
पद्य The afflictions by Meghmali (Kamathasur) and appearance of Dharnendra-Padmavati
सरोवर AN1 तीर्थंकर नेमिनाथ का जन्म-कल्याणक (सूतिका कर्म) मनाते हुए ५६ दिशा कुमारियाँ
Assembly of 56 goddesses of directions performing birth-celebrations (Janma-Kalyanak) of
Tirthankar Neminath after post birth cleaning AN2 (अ) श्रीकृष्ण की व्यायामशाला में नेमिकुमार की बल-परीक्षा
(a) Trial of strength between Shrikrishna and Nemikumar in his gymnasium (ब) जल-क्रीड़ा के समय श्रीकृष्ण की रानियों द्वारा नेमिकुमार को विवाह के लिए सहमत करना (b) Shrikrishna's queens persuading Nemikumar for marriage while playing water games
न वध के निमित्त बंद निरीह पशओं की मुक्ति तथा वैराग्य लेने का The marriage procession of Nemikumar, liberation of mute animals meant to be butchered, | विमानand decision to become ascetic
भवन AN 4 (अ) नेमिकुमार के वैराग्य की सूचना से दुःखित राजीमती का मूञ्छित होना
(a) Rajimati becomes unconscious hearing the shocking news of Nemikumar's renunciation
(ब) नेमिकमार का केश लोच कर अणगार बनना (b) Plucking his hair Nemikumar turns ascetic ML1 (अ) चोक्षा परिव्राजिका का मल्लीकुमारी के सामने उपदेश
रत्न (a) Mendicant Choksha preaching before Malli Kumari
राशि (ब) क्रुद्ध चोक्षा का राजा जितशत्रु के समक्ष मल्लीकुमारी का सौन्दर्य वर्णन (b) Annoyed Choksha describing the beauty of Malli Kumari before king Jitshatru (स) छह राजाओं द्वारा मल्लीकुमारी की मूर्ति को निहारना (c) The six kings admiring the statue of Malli Kumari
निधूम अग्नि
समुद्र
| मल्लि
मुनिसुव्रत
नमि
अरिष्टनेमि
| महावीर
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