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शब्दकोष
अंजू (ऋजु) (३।५) संयमी
(९।१७) मध्यस्थ अंतर (अन्तर) (२।११) अवसर अंतर (अन्तर) (२।१३०) शरीर के स्रोत
अकम्म (अकर्म) (२।३७, ५।१२०) ध्यानस्थ या आवरण-मुक्त अकस्मात् (अकस्मात्) (८।१७) अहेतुक अगंथ (अग्रंथ) (८।२।३३) अहिंसक, ग्रंथ-मुक्त अच्चा (अ ) (१।१४०) शरीर अचिर (अजिर) (८1८।२०) जीव-जन्तु-रहित स्थान अणाणा (अनाज्ञा) (१९७) तीर्थंकर के वचनों का अतिक्रमण अणुट्ठाण (अनुष्ठान) (६।७४) आज्ञा का पालन अणुधम्मिय (अनुधार्मिक) (९।१।२) अनुकूल धर्म, धर्मानुगामिता अणुवसु (अणुवसु) (६।३०) अणुव्रत, गृहस्थ-धर्म अणुवीइ (अनुवीचि) (१।५६) अनुचिन्तन अणुवीइ (अनुविचि) (६।१०३) विवेकपूर्वक अणोमदंसी (अनवमदर्शी) (३।४८) परम को देखने वाला अतिअच्च (अतिक्रम्य) (६।१०) प्राप्त कर अदिन्नादाण (अदत्तादान) (११५८) चोरी अनुदिशा (अनुदिशा) (१।१) विदिशा अपइट्ठाण (अप्रतिष्ठान) (५॥१२६) शरीर-रहित अपडिण्ण (अप्रतिज्ञ) (२।११०, ६।१।२३) संकल्प-रहित अपमत्त (अप्रमत्त) (३।११) आत्मा की सतत स्मृति वाला अपलीयमाण (अप्रलीयमान) (६।३६) अनासक्त
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