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________________ SAAWAWALA WALA २ ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं - तर्जनीभ्यां नमः - हाथ के अंगूठे से प्रथम अंगुली के मूल से उपर तक स्पर्श करते हुए रक्तवर्णिय सिद्ध भगवंतो की स्थापना करना। ३ ॐ हूँ णमो आयरियाणं - मध्यमाभ्यां नमः - हाथ के अंगूठे से मध्यमा अंगुली के मूल से उपर तक स्पर्श करते हुए पीतवर्णीय आचार्य भगवंतो की स्थापना। ४ ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं - अनामिकाभ्यां नमः - हाथ के अंगूठे से अनामिका अंगुली के मूल से उपर तक स्पर्श करते हुए नीलवर्णीय उपाध्याय भगवंत की स्थापना। ५ ॐ हूँ: णमो लाए सव्वसाहणं - कनिष्ठिकाभ्यं नमः - हाथ के अंगूठे से कनिष्ठा अंगूली के मूल से उपर तक स्पर्श करते हुए श्यामवर्णीय साधु भगवतो की स्थापना। THEATREAKEAKEASYEATKALATHEAKEAKEASEASEALATLATKLATLATEAAKAYEANHEAKIAAAAAKANHEA ६ ॐ हाँ हाँ हूँ ह्रौं हः सम्यग्ज्ञान - दर्शन-चारित्र तपोभ्यः करतल- करपृष्ठाभ्यां नमः दोनो हाथों के तलियों का एक दूसरे से स्पर्श (3) हदय शुद्धिः ॐ विमलाय विमलचित्ताय ज्वी क्ष्वी स्वाहा बायाँ हाथ हृदय पर रखकर पापविचारों को दूर करके हृदय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002544
Book Title24 Tirthankar Saraswatidevi Pramukh Tirth Dev Devi Mahapoojan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages90
LanguageHindi, Gujarati, English
ClassificationBook_Devnagari & Worship
File Size7 MB
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