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तो नाणदंसणावरणवेयणीयाणि, मोहणिज्जं च । आउयनामं गोयंतरायमिइ अठ कम्माणि ॥७८॥ सत्तट्ठबेगबंधा संतुदया अठसत्त चत्तारि । सत्त छपंचदुगं, उदीरणाठाणसंखेयं ॥ ७९ ॥ अपमत्तंता सत्तट्ठ मीसअप्पुवबायरा सत्त । बंधंति छ सुमो एग मुवरिमाबंधगोऽजोगी ॥८०॥ जा सुहुमो ता अट्ठ वि, उदए संते यहांति डीथो सत्तहुवसंते खीणि सत्त चत्तारि सेसेसु ॥ ८१ ॥
सत्तट्ठ पमत्तंता, कम्मे उइरिंति मीसो उ । वेयणिओऊ विणा छ उ, अपमत्ता पुव्वअनियही ॥ ८२ ॥ सुहुमो छ पंच उइरेइ पंच उवसंतु पंच दो खीणो । जोगी उ नामगोए, जोगि अणुदीरगो भयवं ॥ ८३ ॥ | जवसंतजिणा थोवा संणेजगुणा उ खीणमोह जिला | सुहुम नियधिनियट्टी, तिन्नि वि तुल्ला विसेसहिया ॥ ८४|| जोगिअपमत्तइयरे, संखगुणा देससासणा मिस्सा । अविरया जोगिमिच्छा, असंख चउरो दुवेऽणंता ॥८५॥
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