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मलपयडीउ अट्ठ उ, उत्तरपयडीण अहवन्नसयं । तासिं सभावभेया, हुंति हु भेया इमे सुणह ॥ ४॥ पढमं नाणावरण, बीयं पुण दसणस्स आवरण । तइयं च वेयणीयं, तहा चउत्थं च मोहणियं ॥५॥ आउ नाम गोयं, अट्ठमयं अंतराइयं होइ । मूलपयडीउ एया, उत्तरपयडीउ कित्तेमि ॥६ ॥ पंचविहनाणवरण, नव भेया सणस्स दो वेए । अहावीसं मोहे, चत्तारि य आउए हुंति ॥७॥ नामे तिउत्तरसयं, दो गोए अंतराइए पंच। एएसिं भेयाण, होइ विवागो इमो सुणह ॥८॥ पडपडिहारसिमजाहडिचित्तकुलालभंडगारि । जह एएसिं भावा, कम्माणवि जाण तह चेव ॥९॥ सरउग्गयससिनिम्मलयरस्स जीवस्स छायण जमिह । नाणावरणं कम्मं, पडोवम होइ एवं तु ॥ १० ॥ जह निम्मलावि चक्खू , पडेण केणावि छाइया सती मंद मंदतरागं, पिच्छा सा निम्मला जइवि ॥११॥ तह मइसुयणाणाण, श्रोहीमणकेवलाण आवरणं ।
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