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( २३५ )
खवगस्स सबन्धच्चिय उवसमसेढीए सम्ममीसजुया मिच्छखवगे ससम्मा अट्ठारस इय पडिग्गहया || १८ || दसगद्वारसगाई चनचउरो संकमंति पंचमि । सत्तठ चउ दसिगारस बारसद्वारा चउक्कम्मि ॥ १२ ॥ तिन्नि तिगाइसत्तड नव य संकमिगारस तिगंमि । दो बगदुपंच य इगि एक्कं दोणि तिष्णिपणा ॥ २ पणवीसो संसारिसुइगुवीसे सत्तर से य संकमइ । तेरस चोदस छक्के वीसा छक्के य सत्तेय ॥ २१ ॥ बावीसे गुणवीसे पन्नरसेक्कारसेसु छ०वीसा । संकमइ सत्तावीसा मिच्छे तह अविरयाईणं ॥ २२ ॥ बावी सेगुणवीसे पण्णरसेक्कारसे य सत्ते य । तेवीसा संकमई मिच्छा विरयाइयाण कमा ॥ २३ ॥ अहारस चोदसदससत्तगेसु बावीस खीणमिच्छाएं । सत्तरस तेरनवसत्त- गेसु इगवीस संकमइ ॥ २४ ॥ दसगाइ चउक्कं एक्कवीसखवगस्स संकमहिं पंचे दस चत्तारि चउक्के तिसु तिन्नि दु दोसु एक्केक्कं ॥ २५८ ॥ अट्ठाराइ चउक्कं पंचे अद्वार बार एक्कारा ।
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