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इगछाइ मलियाणं, बंधट्ठाणा हवंति चत्तारि । अबंधगो न बंधइ, इइ अवत्तो अओ नत्थि ॥१३॥ भूओगारप्पयरगअव्वत्तअवहिया जहा बंधे । उदए उदीरणाए, संते जह संभवं नेया ॥ १४ ॥ बंधहाणा तिदसह, दसणावरणमोहनामाणं । सेसाणेगमवठियबंधो सव्वत्थ ठाणसमो ॥ १५ ॥ भूयोगारा दो नव, छ यप्पतरा दु अह सत्त कमा । मिच्छामो सासणतं, न एकतीसेक्कगुरु जम्हा ॥१६॥ चउ छ बिइए नामंमि, एग गुणतीस तीस अव्वत्ता। इग सत्तरस य मोहे; एकेको तइयवज्जाणं ॥ १७ ॥ इगसयरेगुत्तर जा, दुवीस छठवीस तह तिपन्नाई। जा चोवत्तरि बावहिरहियबंधाओ गुणतीसं ॥१८॥ एक्कार बार तिचउक्कवीस गुणतीसओ य चउतीसा चउआला गुणसही, उदयहाणाई छठवोसं ॥ १९ ।। भूयप्पयरा इगिचउवीसं जन्नेइ केवली छउभं। अजओ य केवलितं, तित्थयरियरा व अन्नोन्नं ॥२० एक्कारबारसासी, इगि चउ पंचाहिया य चउणउई।
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