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( १५२) अंतोमुहुत्तियाइं उवसंतद्धं च लहइ कमा ॥८॥ अणुसमयं वटुंतो अनवसाणाण पंतगुणणाए। परिणामहाणाणं दोसु वि लोगा असंखिज्जा ॥९॥ मंदविसोही पढमस्स संखभागाहि पढमसमयम्मि । उक्कस्सं उप्पिमहो एक्के दोण्ह जीवाणं ॥१०॥ आचरमाओ सेसुक्कोसं पुव्वप्पवत्तमिइनाम । बिइयस्स बिइयसमए जहण्णमवि अणंतरुक्कस्सा११॥ निव्वयणगवि ततो से ठिइरसघायठिइबंधगद्धा उ। गुणसेढी वि य समगं पढमे समये पवत्तंति ॥१२॥ उयहिपुहत्तुक्कस्सं इयरं पल्लम्स संखतमभागो। ठिइकंडगमणुभागाणणंतभागा मुहुत्तत्ते ॥१३॥ अणुभागकंडगाणं बहुहिं सहस्सेहिं पूरए एक्कं ठिइकंड सहस्सेहिं तेसिं बीयं समाणेहिं ॥ १४ ॥ गुणसेढी निक्खेवो समये समये असंखगुणणाए । अद्धादुगाइरित्तो सेसे सेसे य निक्खेवो ॥ १५ ॥ अनियट्टिम्मि वि एवं तुल्ले काले समा तओ नाम । संखिजइमे सेसे भिन्नमुहुत्तं अहो मुच्चा ॥ १६ ॥
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