________________
१३९
होइ अवाहा इत्थावणाउ जा वालिया हस्सा ॥१॥ यावलियासंखभागाइ जाव कम्मडिइ ति निक्खेवो । समउत्तरालियाए साबाहाए भवे ऊणे ॥२॥ निवाघाएणेवं वाघाए संतकम्महिगबन्धो । आलियासंखभागादि होइ अइत्थावणा नवरं ॥ ३ ॥ उवहंतो य ठिडं उदयावलिबाहिरा ठिइविसेसा । निक्खिवइ तइअभागे समयहिए सेसमइवईये ॥४॥ वड्ढइ तत्तो अतित्थावणा उ जावालिगा हवइ पुन्ना । ता निक्लेवो समयाहिगालिग दुग्ण कम्मठिई ||५|| वाघाए समऊणं कंडगमुक्कस्सिया अइत्थवणा । डायठिई किंचूणा ठिइ कंडुक्करसगपमाणं ॥६॥ चरमं नोव्वट्टिज्जइ जावाताणि फडगाणि ततो । उस्सक्किय ओकड्डूइ एवं उबट्टणाईओ ॥७॥ थोवं पएसगुणहाणि अंतरे दुसु जहन्ननिक्खेवो । कमसो अांतगुणिओ दुसु वि अइत्थावणा तुला ॥८॥ वाघाएणणुभागक कंडगमेक्काए वग्गणाऊणं । उकोसो निraat ससंतबंधो य सविसेसो ॥ ९ ॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org