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________________ गाथानुक्रम गाथा जवमज्झ मुरियवंसे जव राय दीहपट्टो जस्स मूलस्स कट्ठातो जस्स मूलस्स कट्ठातो जस्स मूलस्स भग्गस्स जस्स मूलस्स भग्गस्स जस्सेव पभावुम्मि जह अत्तट्ठा कम्मं जह अप्पगं तहा ते जह अम्हे तह अत्रे जह अरणीनिम्मविओ जह इंदो त्ति य एत्थं जह उकडं चरिमाणं जह एस एत्थ वुड्डी जह कारणम्मि पुणे जह कारणे अणहारो जह कारणे तद्दिवसं जह कारणे निल्लोमं जह कारणे पुरिसेसुं जह कोति अमयरुक्खो जह गुत्तस्सिरियाई जह चेव अगारीणं जह चैव अन्नगहणे जह चेव य इत्थीसुं जह चैव य पडिबंधो जह चैव य पहिरो जह चेव य पुरिसे जह जह करेसि नेहं जह जह सुयमोगाहइ जह जाइरुवधातुं जह वर्णिदो युव जह ण्हाउत्तिण गओ ते अहिंता जह पदमपाउसम्मि जह पारगो तह गणी जह फुंफुमा हसहसेह जह भणिय चउत्थस्स य जह भमर-महुवरिगणा जह मयणकोदवा ऊ जह वा णिसेगमादी जहवा तिण्णि मणूसा Jain Education International गाथासं. ३२७८ ११५५ ९७१ ९७२ ९६९ ९७० ३६४२ ४२०७ ५४९५ १५१७ २२५ ११ ४२१० १७०१ ५६५५ ६०११ गाथा जह वा सहीणरयणे जह सपरिकम्मलंभे जह सव्वजणवसुं जह सूरस्स पभावं जह सेज्जाऽणाहारो जह सो वीरणसढओ जह हास- खेड आगार जह हेमो उ कुमारो जहा जहा अप्पतरो से जोगो जहिं अप्पतरा दोसा २२६९ ११६७ ५६८६ १९ १९४७ ४४३४ ५१५५ १०१७ २०९९ ५८४५ १८७३ १०९ ५१९६ १०२ जहिं एरिसो आहारो जहिं गुरुगा तर्हि लहुगा जहिं नत्थि सारणा वारणा जहिं लक्ष्ना तहिं गुरुगा हितं पुणते दोसा जहियं एसणदोसा जहियं च अगारिजणो जहियं तु अणाययणा जहियं दुस्सीलजो ६०३० ३८४१ २५७३ ६०९२ जहुत्तवोसेहिं विवज्जिया ने ४४५० २२९४ ८९० २५७५ २६२९ ६१६४ २५७२ जाइकुलरूवधणबल जाओ (जो आ) वणे वी य बहिं जा खलु जहुत्तदोसे जा गंठी ता पत्रमं जागरणद्वार तहिं जागरह नरा! णिच्चं जागरिया धम्मीण जाह य पिहुजणो वि हु जाणं करेति एक्को जाणंत जाणता जाणतमजाणते जाणता माहप्पं जाणता वि य इत्थं जाणंति जिणा कज्जं जाणंति तव्विह कुले जाणंतिया अजातिया जाणं तु आसमाई जाणह जेण हडो सो जाणामि दूमियं भे जाणाविए कहं कप्पो जा णिति इंति ता अच्छओ For Private & Personal Use Only गाथासं. २१५१ ४०५६ २०५ १९३६ २९६९ ४२३० २५४३ ५१५३ ३९२६ २५४९ ६०५६ ३८२५ ४४६४ ८८० ३२१७ ५४४१ २०७२ ५९२१ २०५७ ३५१८ १७९७ ३५०२ ५९९ ९५ गाथा जा ताव ठवेमि वए जातेयगं सरीरं जा दहिसरम्मि गालिय जादुचरिमो त्ति ता होइ जा फुसति भाणमेगो भुंजता वेला जा मंगल त्ति ठवणा जायंते उ अपत्थं जायण निमंतणुवस्सव जायति सिणेहो एवं जा यावि चिट्ठा इरिवाइआओ जारिसएणऽभिसत्तो जारिसग आयरक्खा जारिस दव्वे इच्छह जारिसयं गेलनं जावई काले वसहिं जावइयं वा लब्भइ जावइया उस्सग्गा जावइया रसिणीओ जावतिगाए लडुगा जावंतिया उ सेज्जा जावंतिया पगणिया जाव गुरूण य तुब्भ य जाव न मंडलिबेला जाव न मुक्को ता अण जा वि य ठियस्स चेट्ठा जा संजयणिट्ठा जा सम्मभावियाओ जा साबणसेवा जाहे वि य कालगया जिणकप्पिअभिग्गहिए ५५२३ ३३८२ ३३८६ ३६ ३९३८ ४६५५ ४६८४ ५०४४ २२८२ २३५६ २०९२ ३६४ ८३० ४६३५ २२२५ ४६६० ६३८८ जितणिडुवायकुसला जिणकप्पिएण पायं जिणकम्पिओ गीयत्थो जिणकप्पियपडिरूवी जिणकप्पियपडिरूवी जिणकप्पे तं सुतं जिणलिंगमप्पsिहयं जिण सुद्ध अहालदे जिण सुद्ध अहालंदे जिणा बारसरुवाई ७७१ गाथासं, ५७८ २६८६ ३४७७ ४४९७ ६१४६ १७३० ७ १९०१ ४३५५ ५९९५ ३९२५ ६१३२ ५०४९ १९८० १९३२ ५८७८ १०७७ ३२२ १७५६ ३१८६ ५९६ ३१८४ १५०१ १६८२ १९०९ ४४५५ ४२०६ १११६ ६३४३ ३७४३ १६९२ ११७२ ६९१ १३५८ ५०३५ ४०६२ ४८०९ ११३१ १२८३ ३९६५ ५५२२ www.jainelibrary.org
SR No.002533
Book TitleAgam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Bhashyam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2007
Total Pages474
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bruhatkalpa
File Size13 MB
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