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कविराज-स्वयंभूदेव-रचित
पउमचरिउ
[अपभ्रंशभाषाग्रथित पौराणिक महाकाव्य] विविध पाठभेद, विस्तृत प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्टादि समन्वित
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संपादक डॉ. हरिवल्लभ चूनीलाल भायाणी एम्. ए.; पीएच्. डी. (प्राध्यापक, संस्कृत एवं प्राचीन गुजराती साहित्य, भारतीय विद्याभवन)
प्रथम भाग (विद्याधर काण्ड)
प्रकाशक
सिंघी जैन शास्त्र शिक्षा पीठ भारतीय विद्या भवन
बंबई
विक्रमाब्द २००९] प्रथमावृत्ति, पंचशत प्रति [ख्रिस्ताब्द १९५३ ग्रन्यांक ३४] भारतीय विद्या भवन द्वारा सर्वाधिकार सुरक्षित [मूल्य रू. १२-८-०
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