________________
74
पउमचरिउ
गयणसंचारिणिय 9 13 3, गयणसंचालिणी 9 माहेसरिय 12 103, माहेसरी 9 12 2 12 1 गगनसंचारिणी.
माहेश्वरी. गारुडविज 12 2 10a गारुडविद्या. माहेन्दविज 87 9 माहेन्द्रविद्या. छिन्दणी 9 12 7 छेदनी.
वहरिविद्धंसिणी 9 12 4 वैरीविध्वंसिनी. जय 9 126 जया
वन्ध-वह कारिणी 9 125 बन्ध-वध-कारिणी.
वम्भाणि 9 123 ब्रह्माणी. जोगजोगेसरी 9 12 2 योगयोगेश्वरी. णहङ्गणगामिणिय 9 13 1 नभोणगामिनी वारसणी 9 12 8 वर्षिणी. णारायणिय 12 101 नारायणी.
वामोहण 77 7 व्यामोहनी.
वाराहि 9 12 2 वाराही. णिग्विग्ध 9 13 3 निर्विघ्ना.
वारुणी9 125,912 8. थम्भणि 9 18 1, थम्भणी 9 12 4, 6
विजय 9 126 विजया.. स्तम्भनी.
बीरासणी 9 12 2 वीरासनी. दारुणी 9 12 8 दारुणा.
सत्ति-संवाहिणी 9 12 7 शक्ति-संवाहनी. दुण्णिवारा 9 128 दुर्निवारा.
सत्तुविणिवारणिय9 13 3 शत्रुविनिवारिका.. दुहरिसणी 9 12 8 दुर्दर्शना.
संविद्धि 9 13 1 संवृद्धि. पण्णति9 123 प्रज्ञप्ति.
सब्वभाकरिसणी 9 12 6 सर्वाकर्षिणी. भाणुपरिमालिणी 9 12 1 भानुपरिमालिनी.
सम्वकामण्णरूय 976 सर्वकामाम-रूपा. मिन्दणी 9 127 भेदनी,
सम्वपच्छायणी 9 12 6 सर्वप्रच्छादनी. भुवणसंखोहणी 9 12 4 भुवन-संक्षोभनी. . सम्वमय-णासणी 9 12 6 सर्वमदनाशिनी. भूमि-गिरि-दारिणी 9 12. 5.
सम्वोसह 9 13 1 सौंषधा. महाकालिणी 9 12 1 महाकाली.
सिद्धस्थ 9 13 3 सिद्धार्था. महोयरिय 17 99 gl. सर्पिणीविद्या [for सिरिमालिणि 29 12 9 श्रीमालिनी. - महोरगिका ?].
सोमणी 9 12 3 *सोमाणी.
NUNERALS भद्ध 1 16 4 अर्ध.
8, 12 6 8, चायार 6 17,चेयारि 166 1 एक 3 2 2a, 16 6 4 एक.
3 चतुर्; -पढम 1089 प्रथम.
. -चउथय 18 8, 1 12 2 चतुर्थ. 2 दो 322, दुइ (जि) 15 4 4, वे 2 15 5 पञ्च1 15 पञ्चन्; 4, 107 3, 19 14 4, वे (वि) 2 15
__-पञ्चम 1 8 9, 18 57. 8, 12 9 3, वि 2 13 8, 15 13, 16
51 अछह 20 12 4 अर्धषष्ठ. 6 4, वेणि 12 12 106, 2 13 8, दोणि (v. 1. विपिण) 18 1296;
6 छ 107 1, छह 10 53 षष् ; -वीयय 187.1 12 1.362 विजय -छट्ठय 1 12 3, छट्ठम 189 षष्ठ. 2 159a द्वितीय.
7 सत्त 1 8 2,°29 3° सप्तन्. 3 तिणि 177.ति 1664 त्रि.
-सत्तम 1 8 10, 1 12 4 सप्तम. -तइयय 188,1122 तृतीय.
8 भट्ट 3 2 5,3 4 7 अष्टन् ; 4 चउ 17 2, 7, चउर 3 4 16, चयारि -अट्ठम 1 8 10 अटम.
3 4 3, 4 14 7, 9 13 4, 16 117 9 णव 3 4 4; णव णव 1592 (Mp. 9 24 5) चत्तारि 2 5 7, 7 14 -णवमय 1 8 11 नवम enl.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org