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सिंघी जैन ग्रन्थमाला ] P : Poona MS. ( see Intro. p. 2 )
[ पउमचरिउ
Concluding page (Folio No. 226 recto ) : see pp. 124 and 2.
रहत
फरायो।उमरिया करायचाविज मैसे सिताधिकार से medigmanरिय से सेलियन सोनिजतराने एव सर्यक गोमाशविडोवालकिचन पर्यव कार्तिक पंचतिरियमरविरखरामिलं शिकायन्स सुसूत आइ.एड एण्दरमा सिरिस देव स्याक मंत्रमुहाउद डापटूडियाकसिमको समारे मोबि बटालियनायसिनता तय अतिजरा। सतु ईमो समय रहको सीमानाम विज्ञातिसर्यातं समाधिरि नमनिष्टितमगरकर पचारित्रमितीय
तेनचेष्टि रामसराबावयति
तिज्ञनंतीयतोपु रुखद वैदिक
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नाच
जानर सुसिरियन यक दातासामयोदश्यामसिरियाल पहल बटर लग श्रीसंविसस्यमतमदासगी विद्यणस्सा सुनामक हक पातित्रण सनु अधिरापि समा॥ ॥ संवत १५ (जिष्टमासेसुदि १० संबलाकार गणेनारवतीगचे। श्रीनं दिसंघात हार कभी ऊंद ऊंदा वार्याची साले वाप देवश्री चंद्रदेव तत्य हुआ। जिनचंद्रदेव ॥श्रझनं दिविष्य श्री मदन की शदिवा) तपश्रीनेत्रदा डलवाये। जुहायगोचे मंगदीका मातमी धन श्रीवत्रावात हाताश्रमाची सधीतय: वोह घनरासिवनी जिन्यान्यवयकीय शिक्ष्यापितं ॥ ज्ञानवाज्ञानदा नानिनीद्यालय दोन