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०३, १-१२, ४,१-८]
चउदहमो संधि
[३]
णम्मयाएँ मयरहरहों जन्तिएँ णाइँ पसाहणु लइउ तुरन्तिऍ ॥१ घवघवन्ति जे जल-पब्भारा ते जि णाइँ णेउर-झङ्कारा ॥२ पुलिणइँ जाइँ वे वि सच्छायइँ ताइँ जे उड्डणाइँ णं जायइँ ॥३ जं जलु खलइ वलइ उल्लोलइ रसणा-दामु तं जिणं घोलइ॥४ जे आवत्त समुट्ठिय चङ्गा ते जि णाइँ तणु-तिवलि-तरङ्गा ॥५ जे जल-हत्थि-कुम्भ सोहिल्ला ते जि णाइँ थण अद्भुम्मिल्ला ॥ ६ जो डिण्डीर-णियरु अन्दोलइ. णावइ सो जें हारु रहोलइ ॥७ जं जलयर-रण-रभिउ पाणि तं जि णाई तम्बोलु समाणिः ॥८ मत्त हत्थि-मय-मईलिउ जं जलु तं जिणाइँ किउ अक्खिहिँ कजलु ॥ ९ ॥ जाउ तरङ्गिणि अवर-ओहउँ ताउ जि भङ्गुराउ णं भउहउँ ॥ १० जाउ भमर-पन्तिउ अल्लीणउँ केसीवलिउ ताउ.णं दिण्णउ ॥११ .
॥ धत्ता॥ मज्ॉ जन्तिऍ मुहुँ दरसन्तिऍ माहेसर-लङ्क-पईवहुँ । मोहुप्पाइउँण जरु लाइउ तहुँ सहसकिरण-दहगीवहुँ॥ १२ ॥
[४] सो वसन्तु सा रेवा तं जलु सो दाहिण-मारुउ मिय-सीयल ॥१ ताइँ असोय-णाय-चूय-वण महुअरि-महुर-सरइँ लय-भवणइँ ॥ २ ते धुयगाय ताउ कीरोलिउ ताउँ कुसुम-मञ्जरि-रिछोलिउ ॥३ ते पल्लव सो कोइल-कलयलु सो केयइ-केसर-रय-परिमलु ॥४ ताउ णवल्लउ मल्लिय-कलियउ दवणा-मञ्जरियउ णव-फलियउ ॥५. ते अन्दोला तं जुवईयणु पेक्खेंवि सहसकिरणु हरिसिय-मणु ॥६ सहँ अन्तेउरेण गउ तेत्तहें णम्मय पवर महाणइ जेत्तहें ॥७ दूरे थिउ आरक्खिय-णिय-चलु जलु जन्तिऍहिँ णिरुद्धउ णिम्मलु ॥ ८
3. 1 Ps वे वि जासु. 2 P उढणाइ, A ओढणाई. 3 PS सयलकुंभिल्ला. 4 PS डिंडी. रु. 5s अंदोलई. 6 A जि. 7 S रंगीउ. 8 P A पाणिउं. 9 P सवाणिउ, A समाणिउं. 10 P 'मइलिउं. 11 P अक्खिहुँ, S अक्खिहु. 12 A तरंगिल्लिउ. 13 P°उहउ, A उहउं. 14 PA भ3. हर, 8 भउहओ. 15 s अल्लीणी, A अल्लीणउ. 16 A ताउ जि अलयालिउ मल्लीणउं. 178 A महु, मुहूं. 18 P पईयहुं, 5 °पई यहु. 19 P उप्पाइउ, 8 उपायउ. 20 PS मणे.
4. 1रेवय. 2 ताव. 3 A णवह लियउ. 4 PS दूरे ( दूरि) थिय, A दूरधरें थिउ आरक्खियवलु. 5 PS जंतिअए. 6 P णिरुदउ.
[३] १ विलासति.
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