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पउमचरिउ [क० १२,७-९,१३,१-९,१४,१५ तहिँ रहणेउर-पुरवर-सारहों इन्दहाँ कहिउ अण्णु सहसारहों ॥७ 'सुरवइ लइ अप्पणउ पहुत्तणु अण्णहाँ कहाँ वि समप्पि जमत्तणु॥८
॥ घत्ता ।। मालि-सैंमालिहिँ पोत्तऍहिँ दरिसीविउ कह वि ण महु मरणु । लज्जऍ तुज्झु सुराहिवइ धणएण वि लइयउ तव-चरणु' ॥९
[१३] तं णिसुणेवि जम-वयणु असुन्दरु किर णिग्गइ सण्णहेवि पुरन्दरु ॥ १ अग्गएँ ताम मन्ति थिउ भेसई 'जो पहु सो सयलाई गवेसइ ॥२ तुहुँ पुणु धावइ णांइँ अयाणउ सो अँ कमागउ लङ्कहें राणउँ ॥३ ॥ तुम्हेंहिँ मालिहें कोलें भुत्ती मण्डु मण्डु जिह पर-कुलउत्ती॥४ ताहँ "जें पढमु जुत्तुं पहरेवउ णउ उक्खन्धे पइँ जाएवउ ॥ ५ देहि ताम ओहामिय-छायहों सुरसंगीय-णयरु जमरायहाँ ॥ ६ भुत्तु आसि जं मय-मारिच्चेहिँ' एम भणेवि णियत्तिउ भिच्चेंहिँ ॥ ७ दहमुहो वि जमउरि उच्छुरयहाँ किक्किन्धउरि देवि सूररयहाँ ॥८
॥ धत्ता ॥ गउँ लङ्कहें सवडंमुहउँ पहें लग्गु" विमाणु मणोहरउ । तोयदवाहण-वंस-दलु णं कालें वद्धिउ दीहरउ ॥ ९
[१४] भीसण-मयरहरोवरि' जन्तें उद्धसिहामणि-छाया-भन्तें ॥ १ " परिपुच्छिउ सुमालि दिण्णुत्तर 'किं णहयलु' ‘णं णं रयणायरु' ॥२ 'किं तमु किं तमालतरु-पन्तिउ' 'ण' णं इन्दणील-मणि-कन्तिउ' ॥ ३ 'किं एयाउ कीर-रिञ्छोलिउ' 'णं णं मरगय-पवणालोलिउ' ॥ ४ . 'किं महियले पडियइँ रवि-किरण' 'णं णं सूरकन्ति-मणि-रयणइँ' ॥५ 15 s कहि. 16 P °सुमालिहि, A °सुमालिहे. 17s पोत्तयहिं. 18 A दरिसावि. 19 8 कहि वि, A wanting. 20 P S लजइ.
13. 1 PS ताव. 2 A भेस. 3 PS सयलो इ, A सयलाइ. 4 Ps काइं. 5 A भयाणउं. 6 SA राणउं.7 PS तुम्हहं. 8 A मरणे. 9 A मंड मंड. 10 PS जि. 11 PS दुत्तु. 12 Ps उक्खंधइ. 13 s देह. 14 P एवं, 3 एव. 15 PS उच्छरयहो. 16 P गय. 17 PA सवर्ड. मुहलं. 18 PS लग्ग विमाणि. 19 P मणोहरडं. 20 PS वडिउ.
14. 1PS रोपरि. 24 °भंते. 3 Aणं ण. 4 Ps रिच्छोलिउ. 5 P पावा', पावण', 6 A सूरकंत. ।१३] १ बृहस्पतिनामा मन्त्री. २ मरणे. [१४] मरगज (१)-मणि-प्रवाल-पतिः ,
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