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क०५,१८, ६, 1-6]
दसमो संधि
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अवरेक्क-दिवसें दिढ-वाहु-दण्डु विजउ जोक्खन्तु महा-पयण्डु ॥१ गउ तेत्थु जेत्थु माणुस-वमालु जलहरधरु णामें गिरि विसालु ॥ २ गन्धव-वावि जहिँ जगे पयास गन्धव-कुमारिहिं छह सहास ॥३ दिवे-दिवे जल-कील करन्तु जेत्थु रयणासव-णन्दणु ढुक्कु तेत्थु ॥ ४ सहसत्ति दिट्ठ परमेसरीहिँ णं सायरु सयल-महा-सरिहिँ ॥ ५ णं णव-मयलञ्छणु कुमुइणीहिं णं वाल-दिवायरु कमलिणीहिँ ॥ ६ सबउ रेक्षण-परिवारियाउं सबउ सवालङ्कारियाउँ ॥ ७
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॥घत्ता
॥
सवउ भणन्ति वउँ परिहरवि वम्मह-सर-जजरियउ । 'पइँ मेल्लेवि अण्णु ण भत्तारु परिणि णाह सइँ वरियउ॥८
[६] एत्थन्तरें आरक्खिय-भडेहिं लहु गम्पिणु गमण-'वियावंडेहिं ॥ १ जाणाविउ सुन्दर-सुरवरासु 'सबउ कण्णउ एकहाँ णरासु ॥ २ करें लग्गउ तेण वि इच्छियाउ पञ्चेल्लिउँ सुसमाईच्छियाउ' ॥ ३ । तं णिसुणेवि सुर-सुन्दरु विरुद्ध उद्धाइर्ड णाइँ कियन्तु कुछ ॥४ अण्णु वि कणयाहिउँ वेह-समाणु "तं पेक्खेंवि साहणु अप्पमाणु ॥ ५ 'विट्टिएहि वुत्तु 'णउ को वि सरणु तउ अम्हहँ कारणे दुक्कु मरणु' ॥६ रावणेण "हसिउ 'किं आयएहिँ किर काइँ सियालहिँ घाइएहिँ' ॥७
॥ घत्ता ॥ ओसोणि विजऍ सो चवि" वद्धा विसहर-पासेंहिँ। .... जिह दूर-भव भव-संचिऍहिँ" दुक्किय-कम्म-सहासेंहिँ ॥८.
5. 15 वरेक्कदिवस. 2 PS जोखंतु महापचंडु. 3 Ps जेत्थु तेत्थु माणसवमालु. 4 A. लक्षण. 5 s परिवारिअउ, A 'परिधारियाउ. 6 P लंकारिआउ, S लंकारियउ.7A तउ. 8वम्मह.9A भत्तार. 10 PS सह.
6. 1A आराक्खिय. 2A लहं.3 °वियावडहि, A विभावडेहिं. 4 A सुरवरसुंदरासु. 5 Ps इंच्छिआउ. 6 P पचेल्लिउ, S पचोल्लिउ. 75 उद्घायउ. 8 8 कलयाहिंउ, P कलया corrected to कणया.9 8 ते. 10 P विट्ठिएहिं, विंटिएहि. 11 s मरणु ढुक्कु. 12 A वुत्तु किं आइएहिं. 13 सिर. 14 A सियालिहि. 155 ऊसोवणि. 16 s विवि. 17 S A संचियहि.
[५] १ मेलापकः. २ सुभटैः रक्षिताः. ३ कन्याव्रतं त्यक्त्वा.
[६] १ व्याकुलचित्तैः. २ गन्धर्षविद्याधरस्य. ३ अतिशयेन. ४ स्त्रियः (१). ५ देवसंज्ञा, विद्याधरैः सह. ६ कन्याभिः, ७ रावणः. ८ नागपाशैः.
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