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क० १२, ६-८१, १-९] णवमो संधि ससिपुरि ससिहें दिण्ण विक्खायहाँ धणयहाँ लङ्क किक्कु जमरायहाँ ॥६ मेह-णयरें" वरुणाहिउ ठवियउ कञ्चणपुरै कुवेरु पट्टवियउ ॥ ७
॥ घत्ता ॥ अण्णु वि को वि पुरन्दरण तहिँ अवसरे जो संभावियउ । मण्डलु एक्केकर पवरु सो सबु स इं भु जावियउ ॥ ८
[९, णवमो संधि] एत्वन्तरें रिद्धिहे जन्ताहो पायाल-लङ्क भुञ्जन्ताहो । उप्पण्णु सुमालिहें पुत्तु किह रयणासउ रिसहहों भरहु जिह ॥१
[१] सोलह-आहरणालङ्करिउ सयमेव मयणु णं अवयरिउ ॥ १ ॥ वहु-दिवसेंहिँ आउच्छेवि जणणु गउ विजा-कारणे पुप्फवणु ॥२ थिउ अक्खसुत्तु करयले करेंवि" जिह मह-रिसि परम-झाणु धरैवि" ॥ ३ तहिँ अवसर गुण-अणुराइयउ ___ सो पोमविन्दु संपाइयउ ॥ ४ रयणासउ लक्खिउ तेण तहिँ 'इमैं पुरिस-रयणु उप्पण्णु कहिं ॥ ५ लइ सच्चउ हूयउ गुरु-वयणु ऍहुँ सो णरु ऍउ तं पुप्फवण ॥ ६ ॥ कइकसि णामेण वुत्त दुहिय पप्फुल्लिय-पुण्डरीय-मुहियं ॥ ७ ॥ 'ऍहु पुत्ति तुहारउँ भत्तारु माणस-सुन्दरिहें व सहसाएँ' ॥ ८
॥ घत्ता ॥ गउ धीय थवेवि णियासवहों उप्पण्ण विज रयणासवहाँ।
थिउ विहि मि मझें परमेसरिहिँ णं विज्झु तावि-णम्मय-सरिहिं ॥९॥ 12 A ससिहो. 13 s दिनु. 14 s धणहो. 15 PA मेहणयरि, s मोहणयरि. 16 PS कंचणपुरि कुवेरु पट्टविअउ, A कंचणपुरिहिं धणउ पट्टवियउ. 17 P S तहि अवसरि. 18 P संभाविअउ. 10 $ सच्च. 20 P भुंजाविअउ. __ 1. 15 इत्थंतरि, A एत्थंतरि. 2 PS रिद्धिहि. 3 5 पइसंताहो. 4 s सुमालिहिं. 5s किहा. 6 s जिहा. 7 PS सोलस. 8 s आउच्छिवि, A आउच्छिवि. 9 PS पुष्पवणु. 10 A करि वि. 11 A धरि वि. 12 PS A तहि. 13 P सौ. 14 PS इय. 15 P हअउं. 16 s यहु. 17 P इउ, s यउ. 18 P पुष्पवणु, S पुष्फवणु. 19 PS वुत्तु. 20 s दुहिया. 21. P पुप्फुल्लिय. 22 s मुहिया. 23 P इहु, s यहु. 24 A तुहारहुं. 25 Ps A सुंदरिहि. 26 S सहसारो. 27 4 विहिं मि. 28 s परमेसरेहि. 29 s पा. 80 s गंमय.
[१] १ विद्याधरः. २ इन्द्रस्य माता तस्यावर्भभो (2) यथा. ३ इन्द्रस्य पिता. ४ तापी-नर्मदयोद्योर्मध्ये,
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