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PAUMACARIU
449 सामीरणि आलिनि। 203 2. 449 परिष्वज्य हनूमन्तम्। 19 24. 450 ताव दसाणणु वरुणहाँ पुत्तेहि, 450 ततोऽसौ युगपत् पुत्रः वरुणस्य समावृतः। वेदिउ चन्दु जेम जीमुत्तेहि ॥ 20 6 7. आदित्य इव गर्जद्भिः प्रावृषेण्यबलाहकैः। 19 47.
VP. दहवयणो वरुणस्स सुएहि वेढिओ
मेहेहि व दिवसयरो पाउसकाले। 19 24 451 दुन्याएं रवि मेहहुँ मेलावियउ। 2079. 451 महारयसमीरेण धनसङ्घा इव। 19 53. 452 संवेवि विजा-लालें। 20 8 1-2 452 कञ्चिल्लाङ्कलपाशेन विद्यारचितमूर्तिना
आकर्षत् ।
1955. 453 ताम पधाइउ वरुणु। 20 8 2 458 तं दृष्ट्वा xx अभ्याजगाम वरुणः। 19 57. 454 तर्हि अवसर पवणञ्जय-सारे xxx
454 तावत पुत्रशतं तस्य बद्धं पवनसनना। xxxणिय-लङ्गले वेढेंवि धरिय कुमार ।
19 60. 2098-9 VP. गिण्हइ वरुणस्स नन्दणा हणुओ। 19 28. 455 णिय-णन्दण-वन् गेण स-करुणहाँ,
455 श्रुत्वा पुत्रशतं बद्धं वरुणः शोकविह्वलः । पहरणु हत्थे ण लग्गइ वरुणहाँ,
विद्यास्मरणनिर्मुक्तो बभूव श्लथविक्रमःxx रावणेण xxx धरिउ रणगणें।
रावणःxxइमं क्षिप्रं जग्राहरणकोविदः। 1962. 20101-2
VP. रावणो वि बन्धइ वरुणं। 1928. 456 कोकावेप्पिणु वरुणु दसासें । 26 11 3 456 आनाय्य वरुणोऽवाचि रावणेन । 19 89. 457 मरणु गहणु जउ सव्वहाँ वीरहों। 457 द्वयमेव रणे वीरैः प्राप्यते xxx। णवर पलायणेण लजिजह। 2011 4-5 ग्रहणं मरणं वाऽपि कातरैश्च पलायितुम्। 1991. 458 तासु मिडइ जो सो जि भयाणउ ।। 458 तवात्र लोके मूढो जनो तिष्ठति वैरभावे। 20118
1993. 459 तुहुँ महु राणउ।
459 स्वामी स्वमस्माकम् ।
1997. 460 महु सुय णामें सञ्चवइ,
460 गृहाण तन्मे सुता xxx करि ताऍ समाणड पाणिग्गहणु। 20 119 सत्यवतीति नाना। 1999.
VP. हणुयस्स देइ कन्नं सच्चमई नाम नामेणं ।
19 32. 461 दिजइ पउमराय सुग्गीवें,
461 (a) सुग्रीवसंज्ञस्य xxx तनूजा खरॅण अणकुसुम xxx,
xxx पद्मगगा। 19 108-119. णल-णीलेहि धीय सिरिमालिणि,
विवाहःxxx विनिर्मितः । 19126. भट्ट सहास एम परिणेप्पिणु।
(c) ददौ समीरप्रभवाय कन्यो अनङ्गपुष्पेति
xxxगतां प्रसिद्धिम। 19102-103. 20 12 8-10.
(d) अनल: xxx हरिमालिनी xxx ददौ xxxहनूमते। 19 105. (e) इदि क्रमेणाम्य बभूव य षितां परं सहस्राद् गणनम् । . 19 106. VP. (a) हणुयस्स xxx दिन्ना कन्ना अणङ्ग कुसुमत्ति नामेणं । नलेण दिना कन्ना हरिमालिणि त्ति नामेणं। 1934-36. (b) दुहियं xx सुग्गीवो नामेण पउमरागं
1 37. (c) हणुएण वरतणू सा परिणीया। 19 41 (d) एवं सहस्समेगं जायं हणुयस्स पवरमहिलाणं। 19 42.
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