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________________ 30 PAUMADARIU 419 गक्खस सवणे। 1996. 419 नक्षत्र श्रवणः । 17364 ___VP. समणो चिय नक्खत्तं । 17 107 420 रयणिहें पच्छिम-पहरद्धे . 420 अर्धयामावशेषायां रजन्यामद्य थिएँ xxx उप्पण्णु सुत। 1995-6. 17 361 VP. रयणीए अजपच्छिमे जामे वरदारयं पसूया। 17 101 421 अक्षणसुन्दरि णामेण इमxxx 421 सुता महेन्द्रराजस्य नामतः प्रथिताजना। महिन्दु नेण जणिय। 19 102-3. 17 335 VP. महिन्दनिवधूया नामेण अक्षणा । . 1797 422 पवणायहाँ परिणि । 19 10 4. 422 पत्नी पवनवेगस्य । 17 336 ____VP. महिला पवणञ्जयभडस्स 17 97 423 पभणइ वाहम्भ-भरिय-णयणु। 19 10 5. 423 पतबाष्पनयनस्तमवादयत् । 17 347 424 पडिसूरु हणूरुह-राउलउ। 19 10 7. 424 प्रतिसूर्योऽहं द्वीपे हनूरुहाभिधे । 17 346 425 णं गह पडीवउ लगु णिहि । 19 11 6. 425 प्रदर्य रत्नसंपूर्ण निधानं हरता। 17 389 426 णिय-पुरु पइसारेंवि णरवरण, 426 (a) प्रतिसूर्यो निजं स्थानम्। 17 399 जम्मोच्छउ किउ पडिदिणयरेण ॥ 19 11 7. (b) स विवेश पुरम् । 17 400 (c) तत्र जन्मोत्सवस्तस्य xxx विद्याधरैः कृतः। 17 401 VP. पवेसिओ हणुरुहं नयर। 17 118 (d) जम्मूमवो तस्स महन्तो कओ खेयरेहिं । 17 119 427 सिरिसइलु सिलायलु चुण्णु णिउ। 427 शैलं चाचूर्णयत्ततः श्रीशैल इति। 17 402 19 11 8. VP. सेलो आचुण्णिओ xxx तेणं चिय सिरिसेलो नाम xxx कयं । 17 120 428 हणुरुह-दीवें पवडियउ, 428 (a)पुरे हनूरुहे यस्माज्जातः संस्कारमाप्तवान् हणुवन्तु णामु ते तासु किउ । 19 118 हनुमानिति तेनागात् प्रसिद्धिम् । 17 403 (b) नामास्य चके। 17 402 VP. (c) हणरुहनयरम्मि जहा सकारो पाविओ xxx हणुओत्ति तेण नाम 17 121 (c) हणुरुहपुरे जेणं संवडिओ xxx हणुओ त्ति त्तेण नाम। 18 51 429 खर-दूसण मेल्लावेप्पिणु, 429 (a) प्रविष्टश्च पुरम् । 186 वरुणही रावणहाँ वि सन्धि कोप्पिणु। (b) गृहमेतत्तया शुन्यम। 18 13 19 121 VP. पविसरइ निययनयर। 185 430 णिय-णयह पईसइ । 430 समं मित्रेण । 18 15 णीसुण्णु ताम मिय-धरिणि-घरू। 19 122 431 वयसेंहि परियरिउ । 431 भूतरवाभिख्यं वनं प्राप्य। 18 48 VP. भूयरवं नाम वणं संपत्तो। 18 20 432 काणणु पइसरह पिसायरउ । 19 13 2 432 गजेन्द्र त्वं xx क्षमस्व च पराभवम् 18 51 VP. तं खमसु मज्झ गयवर । 18 22 433 से सयलु खमेजहि कुम्भि महु। 433 सुकृतज्ञोऽसौ खामिवात्सल्यदक्षिणः 19 14 4. नमुमोचान्तिकम् । 18 53. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002523
Book TitlePaumchariu Part 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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