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189 दीसह सुणासु
xxx 189 नेत्र-कान्ति-नदी-सेतु-बन्ध-सन्निभ-नासिकाम् गयण-जलहाँ किउ सेउ-वन्धु ॥
8 62b. 1037 190 दहगीव-कुमारहॉलहेंचि चित्तु। 10 4 1a. 190 cf. अभिप्राय-कोविदः। 878a. 191 तं बहुवरxxx विसह सयंपहु पट्टणु। 191 समं तया ततो यातः स्वयंप्रभुपुरं कृती। 1049a.
___881a.
VP. पत्तो सयपहपुरं तीऍ समं दहमुहो।8 22a. 192 जलहरधर जामें गिरि विसालु। 192 नाना मेघरवं गिरिम् । 890a.
105 20. VP. मेहवर पव्वयं पत्तो। 8296. 193 कुमारिहि छह सहास। 1053a. 193 षटू सहस्राणि कन्यानाम्। 895b. 194 रयणासव-णन्दणु
xxxi 194 ता युगपद् दृष्ट्वा कन्या रत्नश्रवःसूतम् । सहसत्ति दिल परमेसरीहि ॥ 10 5 5a-500.
8 99a. 195 तउ मम्ह कारणे दुछु मरणु। 10 6 6a. 195 अस्मत् प्रयोजनान्नाथ प्राप्तोऽस्यत्यन्त-संशयम्
8122a. 196 किर काई सियालहिँ घाइएहि 10 6 7a 196 cf. VP. गरुडस्स कि य कीरइ वहुएसु
वि वायसेसु मिलिएसु। 8 45a. 197 वद्धा विसहर-पासहैिं। 10 6 80. 197 नागपाशैः xxx बवा। 8 135b.
____VP. अह बन्धइ नागपासेहिं । 8 516 198 आमेल्लेंवि पुजेवि। 107 1 4. 198 मोचितास्ते ततस्ताभिः पूजां च परि
लम्भिताः।
8 1364. 199 ऍत्तहे वि कुम्भपुरै कुम्भयण्णु। 107 4. 199 (a) अथ कुम्भपुरे। 8142a.
(b) भास्करश्रवणः। 8 143a.
VP. तत्थेव कुम्भनयरे। 8 57a. 200 वयणालङ्कार-दूडः। 107 6a. 200 दूतो वाक्यालङ्कारसंज्ञितः। 8165a.
VP. वयणालङ्कारदूयं । 8 67a. 201 पइट्ट गम्पि।
201 प्रविवेश ततो दूतःxxx तेहि मि किउ अब्भुत्थाणु किं पि। 1077 उपचारं च संप्राप्तः कृतकं लोकमार्गतः ।
8 164 202 पोत्तड णिवारि इउ कुम्भयण्णु। 202 तेऽयुक्त xx प्रमत्तचेतसं पौत्रं णिवारयितु1078a. मात्मनः ।
8 1680. 203 एयहाँ पासिउ पायाल-लक,
203 अलङ्कारोदयं xxx तदेव विवरं भूयः पइवेसउ पुणु-वि करेवि सक॥ 108 3 प्रवेष्टुमभिवाञ्छसि ॥ 8 176
VP. पुणरवि धरिणीविवर xxकिं पविसिउं महसि ॥
875b. 204 कहाँ तणउ धणउ कहाँ तणउ इन्दुः। 204 कोऽसौ वैश्रवणो नाम को वेन्द्रः परिभा
1087a. ष्यते।
8181a. VP. को वेसमणो नाम को वा वि हु भण्णइ इन्दो।
877a. 205 पड़ें पढमु करेप्पिणु वलि-विहाणु। 205 शिरस्तावत् पातयामि रुषे बलिम्।8 183b
1089a.
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