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________________ w mor ११. ऋषि १९. शानविन्दुपरिचयगत विशेषचन्द सूची। उपदे श पद २५.२७.२८.२९.३०. | काय उपदेश रहस्य ३०. कारण उपयोग कारणांश उपाध्या य जी ६-१७.२३.-२५.३०. कारिकाशैली ३६-६३. काम ग्रन्थिक उपालि सुत्त कार्यकारण ६३. उमा स्वाति ५.६.८.९.२५.५४.५५. कार्यकारणभाव ३७.३८. का शी - ऋ.ए.ऐ.ओ.औ कुन्द कुन्द २८. कुमारिल ८.१०.२८. ऋजुसूत्र नय ६३. कूटस्थ त्ववाद १५. एकान्त वा दी १५. कृतयोगित्व ऐदम्पर्यार्थ २७.२९. केवल ४.४०. ओघ नियुक्ति केवलज्ञान ७.१२.२२.४२.४८.५४.५९. औत्पत्तिकी २४.२५. औदयिक | केवलज्ञानावरण १४.१५.१६.१७. औपनिषद दर्शन | केवलज्ञानावारकत्व औपाधिकपर्याय | केवलदर्शन ७.२२.५४.५९.६३. केवलपर्याय ६३. कन्दली २३.४१. केवली १४. केश १९.३४.४७. कफजन्य केशावरण १४. कर्तव्य ३५. क्लेशावरणहानि कर्म १५.१९. | कैवल्य कर्मक्षयजन्य १७. कैवल्यज्ञानावस्था १७. कर्मक्षयपक्ष ४६. कोट्या चार्य ८.३६.५९. कर्मप्रवाद कर्मवर्णन कसपक्ष ५५.५६.५७.५८. कर्मविषयक क्रमवर्तित्व ५४. कर्म शास्त्रीय क्रमवाद ५९.६१.६२.६३. कर्म सा हिस क्रीडा २७. कर्मस्वभाव | क्षणभङ्गवाद कर्मावरण क्षणिक ४९. कल्प भाष्य ३५. क्षपकश्रेणी १८.४७. काम शास्त्र ४८. क्षयोपशम कफ १८. क्रम ५०. १८, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002518
Book TitleGyanbindu Prakarana
Original Sutra AuthorYashovijay Upadhyay
AuthorSukhlal Sanghavi
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1942
Total Pages244
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size13 MB
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