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श्रीप्रभाचन्द्राचार्यविरचित प्रभावक चरित
विविध पाठान्तर तथा परिशिष्ट-प्रस्तावनादि समलंकृत
नम्र सूचन इस ग्रन्थ के अभ्यास का कार्य पूर्ण होते ही नियत
समयावधि में शीघ्र वापस करने की कृपा करें. जिससे अन्य वाचकगण इसका उपयोग कर सकें.
सम्पादक
जिन विजय मुनि
[प्राकृतभाषादि-प्रधानाध्यापक-भारतीय विद्या भवन, बंबई ]
प्रथम भाग - मूल ग्रन्थ । विशेषनामानुक्रम-समुद्धृतपद्यानुक्रमादियुक्त
प्रकाशन-कर्ता
संचालक-सिंघी जैन ग्रन्थमाला
अहमदाबाद-कलकत्ता
विक्रमाब्द १९९७ ]
प्रथमावृत्ति, पञ्चशत प्रति ।
[ १९४० किवाद