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प्रभावकचरिते
22 m.
१९८ २१
६६५,८४
२११
११२
४०
टिंबक [ग्राम] १८५/ देवश्री [ब्राह्मणी]
५५ नन्द [बौद्धमुनि ] . डक्करीपुरी
१२९ देवसूरि [वादी] २,११८,१३५,१७१- नन्दक [ सूरि] ढुंवाउधीग्राम
१७५,१७७,१७८,१८०, नन्दपद् [ग्राम ] ढंकपुरी
१८१-१८३,१९१ नन्दीश्वरद्वीप ढडर [श्रावक]
देवानन्दसूरि १,१५१ ननसूरि
९२,९९,१००,११० तत्वोपप्लव [ग्रन्थ] १३६ देवेन्द्र मुनि
नमि-विनमि [ विद्याधर]
२८ तक्षशिला [पुरी] ११८,१२० देशीनाममाला [ग्रन्थ ]
२११ नयचक्र [ग्रन्थ]
७७-७९ तरङ्गलोला [कथाग्रन्थ ]
३९ द्रोणाचार्य [जैनसूरि] १५२,१६०,१८८ नर्मदातट तारङ्ग गिरि दृष्टिवाद [शास्त्र]
नवघन [ राजा] तारङ्ग नग [पर्वत]
द्रविडदेशीय [वादी]
१३६ नागदत्त [श्रेष्टी] तारणगिरि
द्वारका [नगरी] १.८ नागदेव [श्रेष्ठी]
१०८,१७७ ताम्रलिप्ती [नगरी] द्याश्रय महाकाव्य
नागपुर [नगर] १६८,१७२,१७३ तिलकमञ्जरी [कथाग्रन्थ ] १३३,१४५ द्विसन्धानकाव्य
नागार्जुन [ योगी] ३६,३७,४०,१६५ तिहुणपालविहार [प्रासाद] २८६ धन गिरि [मुनि ]
नागावलोक (आमराज) ८६,१०९ तुम्बवनग्राम ३ धनंजय [राजा]
नागिनीदेवी तोसलिपुत्र [आचार्य] ९,११-१३ धनदेव [श्रेष्ठी] (१)
नागेन्द्र कुल, गच्छ ८,२९,७९,१२३,१६३ त्रिभुवनगिरि [पर्वत] २१४ धनदेव [श्रेष्टी ] (२) १३३ नालिकरेवसति [प्रासाद] त्रिभुवनपाल
धनदेवी १६४ नासिक्यपुर [नगर]
१८८ त्रिलोचन [तलारक्ष] २१० धन्ध [ द्विज]
१७२ निर्घण्ट [ग्रन्थ ]
२११ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित [शास्त्र] २११ धन्धूक [नगर ]
१८३ निर्वाणकलिका [ग्रन्थ ] थारापद्गच्छ १३३ धनपाल कवि २,१:३,१३४,१३६,१३८- निवृत्ति कुल, गच्छ
८,१२३ थारापद्रपुर १२८,३४,१३६ १५१,१५८,१५९ नेपाल [देश ]
१८६ थाहड [श्रेष्टी] १७३,१७७,७८ धनपाल व्यवहारी
३ न्यायावतार [ग्रन्थ ] दक्षिणापथ ७,६०,१५५,१५७ धनपाल श्रेष्टी
पञ्चवटी [ तीर्थस्थान]
१०३ दत्त [श्रेष्टिपुत्र] १२१ धनश्री [श्रेष्टिनी] १३३,१३९ पञ्चाल देश
२४,८० दशपुर [नगर] ६,९,१२,१६ धनेश [श्रावक]
१६५ पञ्चाश्रयचैत्य दाक्षिण्यचन्द्र [सूरि ] १२३ धनेश्वर [सूरि]
पत्तन (अणहिलपुर) १३२-१३६,१५०, दामोदरहरि [तीर्थस्थान [ १०८ धर्म [पंडित] १३६,१४६,१४७,१५० १६२,१६४-१६७,१७२,१७३,१७६ दाहड [राजा] ३४ धर्मराज [नृपति] ८५,८८,८०,९४-९९ पत्तनसङ्घ
१७५ दिगंबर [ संप्रदाय] १३५,१७४,७९ धर्मघोष सूरि]
पद्म [ श्रेष्टीपुत्र ] (१)
१९ १८०,२१३ धर्मदेव [श्रेष्ठी]
, , (२)
१३५ दिवाकर (सिद्धसेनसूरि) ५७
धवलक ।
१६५,१७२ पद्मचक्री दुन्दुक [राजा] १.७-११० धवलक्क ।
पद्मचरित [ग्रन्थ] दुर्बल [पूर्व ] पुष्पमित्र [ सूरि ] १५-१८ धरणीधर [ पण्डित]
पद्मदत्त [श्रेष्टी]
१९,२१ दुर्लभदेवी [ मल्लवादिजननी]
१२७ धरणोरगेन्द्र [देव] ७७,७९
पद्मदेवसूरि
२१४ दुर्लभराज [चालुक्य नृपति ] १६२,१९० धारावास-पुर, पुरी, नगरी २२,१३४,१३८
पद्मप्रभ [राजा]
१७ दुर्लभसर
१९० १४१,१४६-१४८,१५३,१५४,
पद्मयशा [ श्रेष्टिपत्नी] १९,२१ देवचन्द्र [ उपाध्याय]
१५६,१६१-१६३,१७२
पद्माकर [ द्विज] धारासंघ
१४० देवचन्द्रसूरि १६३,१८३,१८४
पद्मावती [ देवी ]
२०७ धारिणी [ श्रेष्टिनी]
११८ देवप्रसाद [क्षत्रिय]
पद्मावती [ राजपत्नी] देवबोध [शैवाचार्य] १७२,१७३,१८९, धूमराज [नृपति]
पद्मिनीखंड [पत्तन] १९०,१९१-१९४ नडुल पुर, पत्तन ११८,११९,१३४
परमहंस [ मुनि] ६५,६८,७० देवराज [नृपति]
२१० परमारवंश, कुल ९६,१५५,१८८,२०० देवर्षि [ब्राह्मण] ५५,१३८ नन्द [गोप]
२०२,
२१४
४२
१७२
११८
१७२
१२७ नडुलेश
१०५