________________
उपदेश पुष्पमाला/5
मंगलमय आशीर्वाद
Mal
विद्वानों में अग्रगण्य खरतरगच्छनभमणि श्री साधु सोमगणि द्वारा व्याख्यायित पुष्पमाला (उपदेशमाला) टीका का हिन्दी अनुवाद । सुयोग्या विदुषी साध्वी श्री सम्यग्दर्शना श्री जी ने किया है, जो स्तुत्य है। आज आवश्यकता है कि हमारे पूर्वाचार्यों द्वारा रचित प्राकृत- संस्कृत ग्रन्थों का हिन्दी आदि प्रचलित लोक भाषाओं में अनुवाद होकर उनका प्रकाशन हो। यह सर्व विदित है कि खरतरगच्छ में एक से बढ़कर विद्वान हुए है। खरतरगच्छ के आचार्यों का विपुल साहित्य उपलब्ध है। जिन ग्रन्थों की केवल सूची से ही 600 पृष्ठों की एक पुस्तक तैयार हो गयी हो, जिसका संकलन वर्तमान के विद्वानों की कोटि में अग्रगण्य महोपाध्याय विनय सागर जी ने अथक परिश्रम के साथ किया है।
खरतरगच्छ के ग्रन्थों पर शोध कार्य भी हो रहा है, एवं अनुवाद भी हो रहा है तथा प्रकाशन भी हो रहे हैं। इसी श्रृंखला में पुष्पमाला का यह अनुवाद अ.भा. जैन श्वे. श्री खरतरगच्छ महासंघ की ओर से प्रकाशित हो रहा है, एतदर्थ साधुवाद ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org