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________________ ५. मंदिर और उनके द्रव्य की व्यवस्था करनी ६. मंदिर और उनकी मिल्कत संबंधित टेक्स और चीमा का प्रिमियम आदि देना साधारण द्रव्य : व्याख्या :- मंदिर संबंधित स्वर्थ जो देवद्रव्य के खाते में से खर्च नहीं कर सकते हैं। उसके लिए उपाश्रय या बहार किया हुआ चंदा भंडोल और कोई भी साधारण खाते की आवक हो या हुई हो उसको नीचे बताये हुए कार्यो के लिए उपयोग कर सकते हैं । ७. केसर, सुखड, बादला आदि प्रभु पूजा का द्रव्य खरीदने का, पूजा करने वाला, दर्शन करने आनेवाला, ललाट पर तिलक करे, पूजा के लिए केसर चंदन का खर्च, नहाने का एवं हाथ पाव धोने का पाणी, लुछने का कपडा, पाद लूछन आदि का खर्च कर सकते हैं । ८. अंग लुछना, वालाकुंची, कलश, कुंडी आदि बर्तन धुपदानी कंडिल आदि खरीद कर सकते हैं । ९. धूप दीपक के लिए घी की बरणी, रोशनी आदि सम्बन्धी वस्तुए आदि खरीद कर सकते हैं । १०. मंदिर के कार्य धोतिया खेस कामलि तथा हिना के पूजा के वस्त्रादि खरीद कर सकते है । ११. के लिए पूजारी, घाटी, महंताजी आदि नोकरों का वेतन आदि दे सकते हैं । १२. प्रक्षाल संबंधित पानी दूध आदि लेने का और न्हाण आदि परावने का खर्च कर सकते है । वि.सं. १९९० में अहमदाबाद के अन्दर भ्रमण सम्मेलन द्वारा देवद्रव्य देवद्रव्यादि का संचालन कैसे हो ? * २८
SR No.002499
Book TitleDevdravyadi Ka Sanchalan Kaise Ho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalratnasuri
PublisherAdhyatmik Prakashan Samstha
Publication Year1997
Total Pages70
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size6 MB
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