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नाना,
देखो दादाना दरबारे बोली बोलजो रे लोल, चंचल लक्ष्मी त्यागो करवाने धर्म कमाई, संसारी वातो ने, अब छोडो मारा भाई, हे बोली बोलनेमें थे रंगाई लो, ऋतु आ सुंदर आई. आजनो ल्हावो लीजये रे, काल कोणे दीठी छे, अवसरियां वही जाय छे रे, काल कोणे दीठी छे, नाणुं मळशे टाणुं नहीं मळे रे, काल कोणे दीठी छे.... . जोजे रे थारी जिंदगी जवानी, जिंदगी जवानी ओ तो कायम न रहेवानी,
. । कायम न रहवानी, दाव रे मल्यो छे तने आज रे मजानो, करी ले विचार तुं तो ओकलो जवानो, अंते तो काया थारी राख रे थवानी... जोजे रे... पथ्थर जेवा पैसा ने सोना जेवा स्वामी, अमां कोण तमने प्याएं, बोलो पैसा के प्रभु ? वाजा वागे, तबला वागे, शरणाई वागे सही, आ बोली बोलवा माटे तमे, गडबड करशो नहीं; दान देजो शीयल पालजो, तप जप करजो सही, प्रभुजीनी बोली बोलवा, भावना भावजो सही... धीरे धीरे बोली अमे बोलवाना, तीजोरीना ताला खोलवाना, प्रभुजीनी आरती उतारवाना, भवसागर तरी जवाना, बोली बोलीने लाहो लेवाना, धीरे धीरे बोली अमे बोलवाना
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