________________
रुडा राजमहेलने त्यागी...
रुडा राजमहेलने त्यागी पेलो चाल्यो रे वैरागी... (२) अनो आतम उठ्य छे आज जागी, पेलो चाल्यो रे वैरागी... (२) नथी कोई अनी रे संगाथे, नीचे धरतीने, आभ छे माथे
ओ तो नीकल्यो छे खाली हाथे... (२) अणे मुकी जगतनी माया, अनी युवाान छे हजु काया
अणे मुक्तिमां दीठो सार... (२) अने संयमनी तलप ज लागी, अनो आतम आज बन्यो मोक्षगामी
अनी भवोभवनी भ्रमणा भागी... (२)
यौवनवयमां सुख छोडनारा...
(राग : सोलह बरसकी बाली ऊमर - अक दूजे के लीये) . यौवनवयमा सुख छोडनारा महान, आ काळमां साधु थनारा महान... आ काळमां... यौवननु पतन करावे अवो आ समय, विषयो व्यसन करावे ओवो आ समय, आवा समयमा सघळी वासनाओ जीतीने, मनने विरागमां वाळनारा महान... आ काळमां... जेणे गुरु कनेथी तत्त्वो ग्रहण कर्या. शास्त्रोमहीं रहेला सत्यो श्रवण कर्या, भवमां भमाडनारा कर्मोथी छुटवा, संयम भणी कदम मांडनारा महान... आ काळमां...