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नेवैद्य पूज रचावुं... विधविध पकवान्न धरावुं ...
मारे अणहारी आज बनी जावं... जावं... जावं... केसरियां...
कल्पतरु फळ लावुं... प्रभु चरणे धरावं...
मारे सिद्धशिलाओ... आज जावं... जावं... जावं... केसरियां...
ढोलीडा ढोल धीमो...
ढोलडा ढोल धीमो धीमो वगाड ना....
प्रभु भक्तिनो जोजे.....
महिमा वही जाय ना....
हो... वीर प्रभुनी वाणी में अंतरथी जाणी,
ढोलीडा...
प्रभुजीना गुणला गातां, हैयुं आ धराय ना... प्रभु भक्तिनो जोजे.
हे पल पल सम हैये, आवुं हुं उमंगे,
दर्शन करतां मारी, आंखडी धराय ना... प्रभु.
हो... करवी तो छे मारे, आ सयंमनी साधना, हो... मुक्तिना पंथे छे, मारी अक ज भावना, आतम दर्शन केरा रंग ऊडी जाय ना... प्रभु भक्तिनो.
मारा दादाने दरबारे..
मारा दादाने दरबारे ढोल वागे छे,
वागे छे ढोल वागे छे,
गाम - गामना सोनीडा आवे छे,
आवे छे शुं- शुं लावे छे ?
मारा दादाने मुगट भरावे छे... मादा दादाना...
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