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________________ चलो बुलावा आया है । चलो बुलावा आया है... मेरे दादाने बुलाया है ऊंचे ऊंचे डुंगर उपर... दादा का ठीकाना है (२)...चलो तेरे द्वार पे जो भी आये... खाली हाथ कभी न जाओ ९२)...चलो रोते रोते आते है... हसते हसते जाते है (२) ... चलो दर्शन देजो नाथ दरशन देजो नाथ... दरशन देजो नाथ... अंतरनी तमे आशा पूरजो... दुखडा सौना हरजो, दीनदयाळ दादा मारा... रक्षा सौनी करजो, भूलुं ना तने नाथ... छूटे ना तारो साथ... भक्तो.... प्रभु तारा चरणोमां हुं... मांगु तारी सेवा, शंखेश्वरना पार्श्वप्रभुजी... हो देवाधिदेवा, लईओ तारुं नाम.... धरीओ तारुं ध्यान.... भक्तो... अमी भरेली आंखडी तारी वरसे अमृतधारा, कृपानिधि करुणासागर.... जगना पालनहारा, देजो मोक्षनुं धाम... हैये पूरजो हाम... भक्तो... जब कोई नहि आता जब कोई नहि आता... मेरे दादा आते है... मेरे दुःखके दिनोमें वो बडे याद आते है... मेरी नैया चलती है... पतवार नहीं चलती, कीसी ओरकी अब मुजको... दरकार नहि होती, में डरता नहि जगसे... प्रभु साथ होते है ... मेरे दुख.
SR No.002497
Book TitleGirnar Geetganga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirthvikas Samiti
Publication Year2016
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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