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अमे तमारा गुणो ग्रहीशुं, तमे कह्यो ते धरम करीशुं, अमे प्रवासी तमे सितारा,
प्रभु ! तमोने...४
ये नेमप्रभु अलबेले (राग : ये देश है वीर जवानो का, अलबेलो का...) हो हो... ये नेमप्रभु अलबेले है, शासनमें अक अकेले है, ईनकी शक्तिका, इनकी शक्तिका क्या कहना? ये नाथ है हम सब का गहना...१ हो हो... जो इनके दर पर आता, मनवांछित फलको वो पाता. यहाँ खाली कोई, यहाँ खाली कोई नहीं जाता... नहीं असा कोई जगमें दाता...२ हो हो मूर्ति है प्रभु की मतवाली, अखिया में प्रभु के है लाली, ये प्रभु हमारे, ये प्रभु हमारे अविकारी... है जिनशासन के हितकारी...३ हो हो पशुओ को प्रभुने प्यार दिया, उनका फिर बेडा पार किया, जो इनको ध्याये, जो इनको ध्याये तन-मन से... मिलती है महिमा जन-जन से....४
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