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| चित्र परिचय ५५
Illustration No. 55
श्रमण केशीकुमार के प्रश्न,
गौतम स्वामी का समाधान केशीकुमार श्रमण के विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुये गणधर गौतम ने बताया(१) मैं कषायों की अग्नि को श्रुत-शील और तप के जल से शान्त कर लेता हूँ। (२) मनरूपी दुष्ट अश्व को ज्ञान की लगाम से वश में कर लेता हूँ। (३) जरा-मरणरूपी जल-प्रवाह में धर्म ही एक द्वीप है। (४) शरीररूपी नौका से संसार-समुद्र को महर्षि जन तैर जाते हैं। (५) गहन अंधकार में ज्ञानरूपी भास्कर (भगवान महावीर) उदित हो चुका है।
-अध्ययन 23, सू. 53, 56, 68, 73
GAUTAM SWAMI ANSWERS QUESTIONS BY
SHRAMAN KESHI KUMAR Answering various questions of Keshi Kumar Shraman Ganadhar Gautam explained - (1) I quench the fire of passions by the water of scriptural knowledge,
conduct and penance. (2) I control the rogue horse of mind with the bridle of knowledge. (3) In the deluge of dotage and death religion is the only island. (4) Great sages cross the ocean of worldly existence with the help of the
boat of the body. (5) The sun of knowledge (Bhagavan Mahavir) has dawned to dispel the dense darkness of ignorance.
-Chapter 23, Aphorism 53, 56, 68, 73
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