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| चित्र परिचय २३
Illustration No. 23
वैराग्य पथ
एकत्वभाव से प्रबुद्ध होकर नमिराज ने राज्य, परिवार, वैभव, यहाँ तक कि अपने शरीर के वस्त्र-आभूषणों का भी त्याग कर वन की ओर प्रस्थान कर दिया। मंत्री, पुरोहित, सेनापति और रानियाँ आदि ने रोकने का बहुत प्रयत्न किया, परन्तु वैराग्य की ओर बढ़ते दृढ़ चरण नहीं रुके।
-अध्ययन 9, सू. 3
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THE PATH OF RENUNCIATION Enlightened by the feeling of oneness king Nami left for forest renouncing his kingdom, family, fortunes and even the costly costumes and ornaments on his body. Ministers, queens, commanders etc. tried their best to stop him but the steps leading to renunciation did not stop.
---Chapter 9, Aphorism 3
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