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________________ शशशशश PROPROPROPROPRO `जिनेन्द्र भवन, लुधियान भाद्रपद सुदी द्वादशी 9-9-2011 जायेगा । द्वितीय संस्करण सचित्र आगम प्रकाशन का यह कार्य अब अपने अन्तिम सोपान की ओर बढ़ रहा है। अब तक कुल २७ आगम प्रकाशित हो चुके हैं। स्वाध्याय प्रेमियों में यह सचित्र प्रकाशन खासा लोकप्रिय हो रहा है। सभी प्रकाशित आगमों के प्रथम संस्करण प्रायः समाप्त हो चुके हैं। परन्तु इनकी माँग निरन्तर बनी हुई है। अतः हमने कई आगमों का पुनः संस्करण कराया है। इसी श्रृंखला में उत्तराध्ययनसूत्र का द्वितीय संशोधित संस्करण तैयार किया गया है। जिज्ञासु स्वाध्यायी इसका पठन-मनन कर अपने जीवन में अध्यात्म का प्रकाश फैलायें, इसी मंगल कामना के साथ....... । - प्रवर्त्तक अमर मुनि ....... (7)
SR No.002494
Book TitleAgam 30 mool 03 Uttaradhyayana Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2011
Total Pages726
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size28 MB
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