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________________ 855555555555555555555555555555555558 मइअन्नाणी १२, सुयअन्नाणी १३, विभंगनाणी १४। चक्खुदसणी न उववज्जंति १५। ॐ जहन्नेणं इक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा अचक्खुदंसणी उववज्जंति १६। एवं ओहिदसणी वि १७, आहारसण्णोवउत्ता वि १८, जाव परिग्गहसण्णोवउत्ता वि म १९-२०-२१। इत्थिवेयगा न उववज्जंति २२। पुरिसवेयगा वि न उववज्जंति २३। जहन्नेणं म एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा नपुंसगवेयगा उववज्जंति २४। एवं ॐ है कोहकसायी जाव लोभकसायी २५-२८। सोइंदियोवउत्ता न उववज्जति २९। एवं जाव म फासिंदियोवउत्ता न उववज्जंति ३०-३३। जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा नोइंदियोवउत्ता उववज्जति ३४। मणजोगी न उववज्जति ३५। एवं वइजोगी वि ३६। जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा कायजोगी उववज्जति ॐ ३७। एवं सागारोवउत्ता वि ३८। अणागारोवउत्ता वि ३९। ६. [प्र.] भगवन् ! इस रत्नप्रभा पृथ्वी के तीस लाख नारकावासों में से संख्येय विस्तृत नरकों में एक समय में (१) कितने नैरयिक जीव उत्पन्न होते हैं ? (२) कितने कापोत लेश्या वाले नैरयिक जीव उत्पन्न होते हैं ? (३) कितने कृष्ण-पाक्षिक जीव उत्पन्न होते हैं ? (४) है कितने शुक्ल-पाक्षिक जीव उत्पन्न होते हैं ? (५) कितने संज्ञी जीव उत्पन्न होते हैं ? (६) कितने ॐ असंज्ञी जीव उत्पन्न होते हैं ? (७) कितने भव-सिद्धिक जीव उत्पन्न होते हैं ? (८) कितने ' म अभव-सिद्धिक जीव उत्पन्न होते हैं ? (९) कितने आभिनिबोधिक (मति) ज्ञानी जीव उत्पन्न होते ॐ हैं ? (१०) कितने श्रुतज्ञानी जीव उत्पन्न होते हैं ? (११) कितने अवधिज्ञानी जीव उत्पन्न होते हैं ? (१२) कितने मति-अज्ञानी जीव उत्पन्न होते हैं ? (१३) कितने श्रुत-अज्ञानी जीव उत्पन्न के होते हैं ? (१४) कितने विभंगज्ञानी जीव उत्पन्न होते हैं ? (१५) कितने चक्षुदर्शनी जीव उत्पन्न ॥ में होते हैं ? (१६) कितने अचक्षुदर्शनी जीव उत्पन्न होते हैं ? (१७) कितने अवधिदर्शनी जीव म उत्पन्न होते हैं ? (१८) कितने आहार-संज्ञा के उपयोग वाले जीव उत्पन्न होते हैं ? (१९) कितने की भय-संज्ञा के उपयोग वाले जीव उत्पन्न होते हैं ? (२०) कितने मैथुन-संज्ञा के उपयोग वाले जीव म उत्पन्न होते हैं ? (२१) कितने परिग्रह-संज्ञा के उपयोग वाले जीव उत्पन्न होते हैं ? (२२) कितने में स्त्री-वेदी जीव उत्पन्न होते हैं ? (२३) कितने पुरुष-वेदी जीव उत्पन्न होते हैं ? (२४) कितने म नपुंसक-वेदी जीव उत्पन्न होते हैं ? (२५) कितने क्रोध-कषायी जीव उत्पन्न होते हैं ? (२६-२८) में यावत् कितने लोभ-कषायी उत्पन्न होते हैं ? (२९) कितने श्रोत्रेन्द्रिय के उपयोग वाले जीव उत्पन्न भी होते हैं ? (३०-३३) यावत् कितने स्पर्शेन्द्रिय के उपयोग वाले जीव उत्पन्न होते हैं ? (३४) कितने नो-इन्द्रिय (मन) के उपयोग वाले जीव उत्पन्न होते हैं ? (३५) कितने मनोयोगी जीव उत्पन्न होते हैं ? (३६) कितने वचनयोगी जीव उत्पन्न होते हैं ? (३७) कितने काययोगी जीव 卐 उत्पन्न होते हैं ? (३८) कितने साकारोपयोगी जीव उत्पन्न होते हैं ? (३९) कितने अनाकारोपयोगी * जीव उत्पन्न होते हैं ? 5 55555555555555555555555 555555555555 | भगवती सूत्र (४) (454) Bhagavati Sutra (4) | 55555555555555555555555555555555
SR No.002493
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2013
Total Pages618
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size22 MB
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