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[Ans.] Gautam ! One having Dravya-atma (soul entity) has Kashaayaatma (passion-soul) optionally (may have or may not have ). But, one having Kashaaya-atma (passion-soul) certainly has Dravya-atma (soul entity).
२-२. [ प्र. ] जस्स णं भंते! दवियाया तस्स जोगाया. ?
[3. ] एवं जहा दवियाया य कसायाया भणिया तहा दवियाया जोगाया य भाणियव्वा । २-२. [प्र.] भगवन् ! जिसके द्रव्यात्मा होती है, क्या उसके योग- आत्मा होती है और जिसके योग- आत्मा होती है, (तो क्या ) उसके द्रव्यात्मा होती है ?
[उ.] गौतम! जिस तरह द्रव्यात्मा और कषायात्मा का सम्बन्ध कहा है, उसी तरह द्रव्यात्मा और योग- आत्मा का सम्बन्ध कहना चाहिए ।
2-2. [Q.] Bhante ! Same question about Dravya-atma (soul entity) and Yoga-atma (associated-soul) ? (Does one having Dravya-atma also has Yogaatma and vice versa ?)
[Ans.] Gautam ! Repeat the aforesaid association of Dravya-atma (soul entity) and Kashaaya-atma (passion-soul) for Dravya-atma (soul entity) and Yoga-atma (associated-soul) also.
२-३ . [ प्र. ] जस्स णं भंते! दवियाया तस्स उवयोगाया. ?
[उ. ] एवं सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा । गोयमा ! जस्स दवियाया तस्स उवयोगाया नियमं अत्थि, जस्स वि उपयोगाया तस्स वि दवियाया नियमं अस्थि । जस्स दवियाया तस्स नाणाया भयणाए, जस्स पुण नाणाया तस्स दवियाया नियमं अस्थि । जस्स दवियाया तस्स दंसणाया नियमं अस्थि, जस्स वि दंसणाया तस्स दवियाया नियमं अस्थि । जस्स दवियाया तस्स चरित्ताया भयणाए, जस्स पुण चरित्ताया तस्स दवियाया नियमं अस्थि । एवं वीरियायाए वि समं ।
२- ३. [प्र.] भगवन् ! जिसके द्रव्यात्मा होती है, क्या उसके उपयोगात्मा होती है और जिसके उपयोगात्मा होती है, (तो क्या ) उसके द्रव्यात्मा होती है? इसी प्रकार शेष सभी आत्माओं के द्रव्यात्मा से सम्बन्ध के विषय में पृच्छा (प्रश्न करना) करनी चाहिए ।
[उ.] गौतम ! जिसके द्रव्यात्मा होती है, उसके उपयोगात्मा अवश्य होती है और जिसके उपयोगात्मा होती है उसके द्रव्यात्मा अवश्यमेव होती है। जिसके द्रव्यात्मा होती है उसके ज्ञानात्मा भजना (वैकल्पिक रूप) से होती है ( अर्थात् - कदाचित् होती है, कदाचित् नहीं भी होती । ) और
बारहवाँ शतक : दशम उद्देशक
(413)
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Twelfth Shatak: Tenth Lesson
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