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बकरियों के बाड़े के दृष्टान्त द्वारा लोक में परमाणु मात्र प्रदेश में जीव के जन्म-मरण की प्ररूपणा
DEATH AND BIRTH OF BEINGS EXPLAINED WITH EXAMPLE OF GOAT-YARD
३-१. [ प्र. ] एयंसि णं भंते! एमहालयंसि लोगंसि अत्थि केइ परमाणुपोग्गलमेत्ते वि पसे जत्थ णं अयं जीवे न जाए वा, न मए वा वि ?
[ उ. ] गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे ।
३-१. [प्र.] भगवन्! इतने बड़े लोक में क्या कोई परमाणु- पुद्गल जितना भी आकाश-प्रदेश ऐसा है, जहाँ पर इस जीव ने जन्म-मरण न किया हो ?
[उ.] गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है।
3-1. [Q.] Bhante ! In such gigantic Lok ( universe) is there a space
point even as small as an ultimate particle of matter (Ultron) where this jiva (living being) has not been born or died?
[Ans.] Gautam ! That is not right.
३-२. [ प्र.] से केणट्टेणं भंते! एयं वुच्चइ - 'एयंसि णं एमहालयंसि लोगंसि नत्थि केई परमाणुपोग्गलमेत्ते वि पएसे जत्थ णं अयं जीवे न जाए वा न मए वावि'?
[ उ. ] गोयमा ! से जहानामए केई पुरिसे अयासयस्स एवं महं अयावयं करेज्जा; से
तत्थ जहन्नेणं एक्कं वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं अयासहस्सं पक्खिवेज्जा; ताओ णं. तत्थ पउरगोयराओ पउरपाणियाओ जहन्नेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा, उक्कोसेणं छम्मासे परिवसेज्जा, अत्थि णं गोयमा ! तस्स अयावयस्स केई परमाणुपोग्गलमेत्ते व पसे जेणं तासिं अयाणं उच्चारेण वा पासवणेण वा खेलेण वा सिंघाणएण वा वंतेण वा पित्तेण वा पूण वा सुक्केण वा सोणिएण वा चम्मेहिं वा रोमेहिं वा सिंगेहिं वा
खुरेहिं
वा नहिं वा अणोक्कंतपुव्वे भवइ ? 'नो इणट्टे समट्टे' । होज्जा वि णं गोयमा ! तस्स अयावयस्स केई परमाणुपोग्गलमेत्ते वि पएसे जे णं तासिं अयाणं उच्चारेण वा जाव नहिं वा अणोक्तपुळे नो चेव णं एयंसि एमहालयंसि लोगंसि लोगस्स य सासयभावं, संसारस्स
य अणाइभावं, जीवस्स य निच्चभावं कम्पबहुत्तं जम्मण - मरणाबाहुल्लं च पडुच्च न
केई परमाणुपोग्गलमेत्ते वि पएसे जत्थ णं अयं जीवे ण जाए वा, न मए वा वि। से तेणट्टेणं तं चेव जाव न मए वा वि ।
३-२. [प्र.] भगवन्! किस कारण से ऐसा कहा गया है कि इतने बड़े लोक में परमाणु पुद्गल जितना ऐसा कोई भी आकाश प्रदेश नहीं है, जहाँ इस जीव ने जन्म-मरण न किया हो ?
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भगवती सूत्र (४)
(360)
Bhagavati Sutra (4)
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