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अमावस्या
पूर्व राहू
खंडग्रास ग्रहण
कंकण कृति ग्रहण
नित्य राहू से होने वाली चन्द्रमा की हानि वृद्धि
शुक्ल पक्ष की पंचमी
की नवमी
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शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी
शुक्ल पक्ष की प्रथमा
शुक्ल पक्ष की षष्ठी
पर्व राहू कभी कभी सूर्य और चंद्र के बीच या आसपास से उसकी प्रभा को आच्छादित करता है, उसे ग्रहण कहते हैं। ग्रहण तीन प्रकार से होता है
04.
शुक्ल पक्ष की दशमी
शुक्ल पक्ष की द्वितीया
शुक्ल पक्ष
की चतुर्दशी
शुक्ल पक्ष की तृतीया
शुक्ल पक्ष की सप्तमी
शुक्ल पक्ष की एकादशी
खग्रास ग्रहण
पूर्णिमा
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी
शुक्ल पक्ष की अष्टमी
शुक्ल पक्ष की द्वादशी
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