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दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ; जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे भवइ, एगयओ असंखिज्जपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भव; अहवा दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति ।
तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ असंखिज्जपएसिए खंधे भवइ; जाव अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दसपएसिए, खंधे, एगयओ असंखेज्जप सिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति एवं जाव अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा तिन्नि असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति ।
चहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ । एवं चउक्कगसंजोगो जाव दसगसंजोगो । एए जहेव संखेज्जपएसियस्स, नवरं असंखेज्जगं एगं अहिगं भाणियव्वं जाव अहवा दस असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति । संखेज्जहा कज्जमाणे एगयओ संखेज्जा परमाणुपोग्गला, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ संखेज्जा दुपएसिया खंधा, एगयओ असंखेज्जप सिए खं भवइ एवं जाव अहवा एगयओ संखेज्जा दसपएसिया खंधा, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ संखेज्जा संखेज्जपएसिया खंधा, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ; अहवा संखेज्जा असंखेज्जपएसिया खंधा भवति ।
असंखेज्जहा कज्जमाणे असंखेज्जा परमाणुपोग्गला भवंति ।
१२. [प्र.] भगवन्! जब असंख्यात परमाणु- पुद्गल संयुक्त रूप से इकट्ठे होते हैं तब उनका क्या होता है ?
[उ.] गौतम ! उनका एक असंख्यात प्रदेशिक स्कन्ध होता है और यदि उस असंख्यात प्रदेशिक स्कन्ध के विभाग किये जाएँ तो उसके दो, तीन यावत् दस विभाग भी होते हैं, संख्यात विभाग भी होते हैं और असंख्यात विभाग भी होते हैं ।
दो विभाग किये जाने पर - एक ओर एक परमाणु पुद्गल और एक ओर एक असंख्यात प्रदेशी स्कन्ध होता है। यावत् - अथवा एक और एक दश प्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक
भगवती सूत्र (४)
Bhagavati Sutra ( 4 )
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