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महाबल द्वारा दीक्षा ग्रहण।
ब्रह्मलोक कल्प से च्यवन कर वाणिज्य ग्राम नगर के श्रेष्ठि
की भार्या की कुक्षी में सुदर्शन के रूप में उत्पन्न
महाबल हस्तिनापुर नगर के सहस्राभवन वन
में धर्मघोष मुनि से प्रवचन । श्रवण करते हुये ।
*18680221
हे भगवन्! पल्योपम और सागरोपम कितने काल हैं
महाबल मुनि का जीव ब्रह्मलोक कल्प में।
सुदर्शन!
सागरोपम और पल्योपम असंख्य काल हैं और तुम असंख्य काल व्यतीत करके आये हो।
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