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काम ६. तए णं से सुदंसणे सेट्ठी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा ॐ निसम्म हट्ठतुढे उठाए उठेइ, (उ. २) समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता एवं है वयासी
[६] इसके पश्चात् वह सुदर्शन श्रेष्ठी श्रमण भगवान महावीर से धर्मकथा सुनकर एवं हृदय में धारण करके अत्यंत हर्षित संतुष्ट हुआ। उसने खड़े होकर श्रमण भगवान महावीर स्वामी की तीन बार प्रदक्षिणा की और वन्दना-नमस्कार करके पूछा
6. Merchant Sudarshan became very happy and contented on listening to and learning by heart the religious sermon from Shraman Bhagavan Mahavir. He, then, got up, circumambulated Shraman Bhagavan Mahavir thrice, paid homage and askedकाल और उसके चार प्रकार FOUR TYPES OF KAAL __७. [प्र.] कइविहे णं भंते! काले पन्नत्ते?
[उ.] सुदंसणा! चउव्विहे काले पन्नत्ते, तं जहा-पमाणकाले १ अहाउनिव्वत्तिकाले २ मरणकाले ३ अद्धाकाले ४।
७. [प्र.] भगवन्! काल कितने प्रकार का कहा है?
[उ.] हे सुदर्शन! काल चार प्रकार का कहा है। यथा-(१) प्रमाणकाल, (२) यथायुर्निवृत्ति काल, (३) मरणकाल और (४) अद्धाकाल।
7. [Q.] Bhante ! Kaal (time) is said to be of how many types ?
[Ans.] Sudarshan! Kaal (time) is said to be of four types—(1) 卐 Pramaan Kaal (Solar time or clock time), (2) Yathaayurnivritti Kaal
(life-span time), (3) Maran Kaal (death time), and (4) Addha Kaal (time
scale). ॐ प्रमाणंकाल की व्याख्या STANDARD TIME
८. [प्र.] से किं तं पमाणकाले? __ [उ.] पमाणकाले दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-दिवसप्पमाणकाले य १ राइप्पमाणकाले य है। ॐ २। चउपोरिसिए दिवसे, चउपोरिसिया राइ भवइ। उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवस्स वा राइए वा पोरिसी भवइ। जहन्निया तिमुहुत्ता दिवस्स वा राइए वा पोरिसी भवइ।
८. [प्र.] भगवन् ! प्रमाणकाल क्या है?
[उ.] सुदर्शन! प्रमाणकाल दो प्रकार का कहा गया है। यथा-दिवस-प्रमाणकाल और भ रात्रि-प्रमाणकाल। चार पौरुषी (प्रहर) का दिवस होता है और चार पौरुषी (प्रहर) की रात्रि | ग्यारहवाँशतक : ग्यारहवाँ उद्देशक
(163) Eleventh Shatak: Eleventh Lesson |