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________________ 3 . म अंग्रेजी भाषा विश्व की साहित्यिक भाषाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस भाषा में आगमों का अनुवाद करके चित्रों सहित शुद्ध संस्करण का मुद्रण करवाना और विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों में पहुँचाना अपने आपमें एक श्रमसाध्य अनुपम कार्य है। पूज्य गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म. सा. के इस महान सेवाकार्य से जैन साहित्य के इतिहास में उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया जायेगा। पूज्य गुरुदेव प्रवर्तक श्री अमर मुनि जी म. सा. के सेवाभावी शिष्य, आगमों के गहन ज्ञाता श्री वरुण मुनि जी म. सा. भी इस कार्य में पूर्ण मनोयोग पूर्वक जुटे हुए हैं। उनका उपकार भी हम नहीं भूल सकते। सम्पादन और चित्रण में सहयोगी संजय सुराना (श्री दिवाकर प्रकाशन, आगरा) एवं अंग्रेजी अनुवादक श्री सुरेन्द्र जी बोथरा, जयपुर और चित्रकार त्रिलोक शर्मा का सहयोग भी सदा स्मरण रहेगा। प्रकाशन हेतु अर्थ व्यवस्था करने वाले श्रुत सहयोगी गुरु-भक्तों ने भी इस कार्य में मुक्त-हस्त सहयोग प्रदान किया, वे भी धन्यवाद के पात्र हैं। यह आगम प्रकाशन जैन साहित्य के श्रुत लोक में मेरु पर्वत की भाँति स्थापित हो, हम इसके लिए संकल्पबद्ध हैं। इसी कामना के साथ.....! -महेन्द्रकुमार जैन अध्यक्ष : पद्म प्रकाशन, दिल्ली प 55555555555
SR No.002493
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2013
Total Pages618
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size22 MB
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