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सचित्त फल-सब्जी का त्याग
परिवार का त्याग
करेमि भंते! सामाइयं सव्वं सावज्जं जोगं पच्चक्खामि
जावज्जीवाए, तिविहं तिविहेणं
मणेणं, वायाए,
करेमि, न कारवेमि, करतपि अन्नं न
सामायिक आवश्यक
खेतीबाड़ी का त्याग
चित्र संख्या - 5
धन-सोना-चाँदी रत्न आदि का त्याग
हिंसा, लड़ाई झगड़े का त्याग
तस्स भंते! पडिक्कमामि, निंदामि
गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि।
जीवन पर्यंत सावद्य कार्यों के त्याग की प्रतिज्ञा