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भावार्थ : सूर्योदय होने पर मैं उपवास की आराधना हेतु अशन, खादिम एवं स्वादिम-उक्त त्रिविध आहारों का त्याग करता हूं। अनाभोग, सहसाकार पारिष्ठापनिकाकार, महत्तराकार एवं सर्वसमाधिप्रत्ययाकार- इन पांच आगारों के सिवाय सभी आहारों का त्याग करता हूं।
Explanation : At sunrise, for the practice of fast (Upavas), I discard three types of food namely ashan, dry fruit and articles of fragrant taste. There are five exception namely Anabhog, Sahasakar, Parishthapanikar, Mahattarakar and Sarva Samadhi Pratyayakar.
संकेत : सूत्र में आए हुए आगारों का अर्थ पूर्व सूत्रों में आ चुका है। चौविहार उपवास में जल ग्रहण नहीं किया जाता, तिविहार उपवास में जल ग्राह्य होता है ।
Indication: The meaning of the exceptions has been explained in earlier sutras. In chauvihar fast, even water is not taken while in tivihar fast, water can be accepted for consumption.
पानाहार पौरुषी प्रत्याख्यान सूत्र
उग्गयसूरे पाणाहार- पोरिसिं पच्चक्खामि, अन्नत्थऽणाभोगेणं, सहसागारेणं, पच्छन्नकालेणं, दिसामोहेणं, साहुवयणेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं, पाणस्स लेवेण वा, अलेवेण वा, अच्छेण वा, बहुलेवेण वा, संसित्थेण वा, असित्थेण वा वोसिरामि।
भावार्थ : सूर्योदय से लेकर पौरुषी अर्थात् एक प्रहर के लिए जल का त्याग करता हूं। अनाभोग, सहसाकार, प्रच्छन्नकाल, दिशामोह, साधुवचन, महत्तराकार, सर्वसमाधिप्रत्ययाकार, जल की अपेक्षा से लेपकृत, अलेपकृत, अच्छ, बहुलेप, ससिक्थ एवं असिक्थ - उक्त आगारों के अतिरिक्त सभी प्रकार के जलों का त्याग करता हूं।
संकेत : प्रस्तुत सूत्र में आए हुए सभी आगारों का अर्थ पूर्व सूत्रों में किया जा चुका
है।
Explanation: From sunrise for a period of one quarter of the day I avoid water. In it the exception are Anabhog, Sahasakar, Prachchann Kaal, Dishamoh, Sadhu Vachan, Mahattarakar, Sarva Samadhi Pratyayakar and in the context of water they are lepakrit, alepakrit, acheh, bahulep, sasikth and asikth.
The meaning of all the above mentioned exceptions has been given in earlier
sutras.
षष्ठ अध्ययन : प्रत्याख्यान
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Avashyak Sutra