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प्राथमिकी INTRODUCTION
प्रथम उद्देशक में सर्वप्रथम साधक को ब्रह्मचर्य मजबूत करने के लिए हस्तकर्म न करने की सलाह दी गई है तत्पश्चात् श्रमण द्वारा अंगादान के संचालन, मर्दन, प्रक्षालन आदि का निषेध करते हुए सुई आदि उपकरणों की निष्प्रयोजन व अविधिपूर्वक याचना आदि का विस्तृत विवेचन प्रस्तुत किया गया है। जो भिक्षु धर्मसाधना से च्युत होकर अविवेकपूर्वक अनुचित क्रियाएँ करता है, उसे गुरुमासिक प्रायश्चित्त आता है । गुरुमासिक प्रायश्चित्त कौन-कौन से अतिचार लगने के कारण करना होता है, उसका वर्णन प्रस्तुत उद्देशक में विस्तारपूर्वक बताया गया है।
प्रथम उद्देशक THE FIRST CHAPTER
In the first chapter, first of all the practicer has been advised not to practice masturbation for strong celibacy. Further he should avoid the movement, massage washing etc. of the penance for an elaborated description of begging the needle like materials without any use and without any proper manner has been given. The ascetic who falling from the spiritual practice, performs the baseless and undesirable activities, a gurumasik expiation afflicts him. The comprehensive description of the digressions through which the atonement of Gurumasik is afflicted has been narrated in this first chapter in-detail.
वेद-मोहोदय का प्रायश्चित्त EXPIATION OF THE RISE OF (VED-MOHODAYA) COPULATION १. जे भिक्खू हत्थकम्मं करेइ, करेंतं वा साइज्जइ ।
१.
जो भिक्षु हस्तकर्म अथवा हस्तमैथुन करता है अथवा करने वाले का समर्थन करता है ( उसे गुरुमासिक प्रायश्चित्त का विधान है ।)
1.
The ascetic who does masturbation (hand practice) or supports the one who does masturbation (is liable for monthly expiation (Gurumasik).
विवेचन - सामान्यत: सूत्र के प्रारम्भ में मंगलाचरण की शैली अपनाई जाती है। इस सूत्र को बाद में भी दिया जा सकता था लेकिन अनगार धर्म में ब्रह्मचर्य महाव्रत की साधना कठिन मानी गई है। ब्रह्मचर्य के महत्व
प्रमुखता देने के लिए यहाँ मंगलाचरण के पूर्व सीधे विषय का निर्देश किया गया है क्योंकि ब्रह्मचर्य महाव्रत पूर्ण पालन से सभी महाव्रतों का पूर्ण पालन संभव है और इस व्रत के भंग होने पर सभी महाव्रतों का भंग होना संभव है।
साइज्जइ - किसी भी वर्जित विषय में रुचि रखना अथवा राग रखना 'साइज्जणा' कहलाता है। इसके
दो भेद हैं
प्रथम उद्देशक
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First Lesson