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________________ अठारहवाँ उद्देशक THE EIGHTEENTH CHAPTER र प्राथमिकी INTRODUCTION ___इस उद्देशक में नौका विहार सम्बन्धी दोषों पर चिन्तन किया गया है। नौका पर आरूढ़ होना, परे नौका खरीदना, नौका को जल से स्थल और स्थल से जल में लेना, नौका में पानी भरना या खाली रे करना, नौका को खैना, नौका से रस्सी बाँधना आदि के लघुचौमासी प्रायश्चित्त का वर्णन है। In this chapter the faults related to sailing in boat have been contemplated. The atonement of laghu-chaumasi is described of boarding (embarking) into a boat, buyeing a boat, to carry the boat from water to land and from land to the water, to fill the water into the boat to remove the water out of the boat, to sail the boar and to tie the rope with the boat. नौका विहार करने का प्रायश्चित्त THE REPENTANCE OF TRAVELLING BY BOAT करे 1. जे भिक्खू अणट्ठाए णावं दुरुइह दुरुहंतं वा साइज्जइ। 32. जे भिक्खूणावं किणइ, किणावेइ, कीयं आहटु देज्जमाणं दुरुइह, दुरुहंतं वा साइज्जइ। 3. जेभिक्खूणावंपामिच्चइ, पामिच्चावेइ, पामिच्चं आहटुंदेज्जमाणंदुरुहइ, दुरुहंतं वा साइज्जइ। 4. जे भिक्खू णावं परियट्टेइ, परियट्टावेइ, परियटें आहटु देज्जमाणं दुरुहइ, दुरुहंतं वा साइज्जइ। जेभिक्खूणावं अच्छेज्ज, अणिसिठं, अभिहडं आहटुदेज्जमाणंदुरुहड्, दुरुहंतं वा साइज्जइ। 6. जे भिक्खू थलाओ णावं जले ओक्कसावेइ, ओक्कसावेंतं वा साइज्जइ। 7. जे भिक्खू जलाओ णावं थले उक्कसावेइ, उक्कसावेंतं वा साइज्जइ। 8. जे भिक्खू पुण्णंणावं उस्सिंचावेइ, उस्सिचावेंतं वा साइज्जइ। 9. जे भिक्खू सण्णंणावं उप्पिलावेइ, उप्पिलावेंतं वा साइज्जइ। 10. जे भिक्खू पडिणावियं कटु णावाइ दुरुहड़, दुरुहंतं वा साइज्जइ। 11. जे भिक्खू उड्ढगामिणिं वा णावं, अहोगामिणिं वा णावं दुरुहइ, दुरुहंतं वा साइज्जइ। 12. जे भिक्खू परंजोयणवेलागामिणिं वा परं अद्धजोयणवेलागामिणिं वा णावंदुरुहइ, दुरुहंतं वा साइज्जइ। घर 13. जे भिक्खू णावं उक्कसेइ वा, वोक्कसेइ वा, खेवेइ वा, रज्जुए वा गहाय आकसेइ, उक्कसंतं वा, वोक्कसंतं वा खेवंतं वा, रज्जुए वा गहाय आकसंतं वा साइज्जइ। अठारहवाँ उद्देशक (309) Eighteenth Lesson 4DAIAAAAAAAAAAAAAAX शारितिरितिरिवरिश MIX
SR No.002486
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakavsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2015
Total Pages452
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size20 MB
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