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________________ घ8 14. जेभिक्खू कोहल्ल-वडियाए आईणाणिवा जाव आभरण-विचित्ताणि वा पिणद्धेइ, पिणखेंतं १ स वा साइज्जइ। - 1. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से किसी त्रस प्राणी को 1. तृण पाश से, 2. मुंजपाश से, 3. काष्ठ 4 पाश से, 4. चर्म पाश से, 5. बेंत पाश से, 6. रज्जु पाश से, 7. सूत्र (डोरे) के पाश बाँधता है - अथवा बाँधने वाले का समर्थन करता है। 2. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से किसी त्रसप्राणी को तृण पाश से यावत् सूत्र पाश से बँधे हुए को पूरे खोलता है अथवा खोलने वाले का समर्थन करता है। 3. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से 1. तृण की माला, 2. मुंज की माला, 3. बेंत की माला, 3 4. काष्ठ की माला, 5. मोम की माला, 6. भीड की माला, 7. पिच्छी की माला, 8. हड्डी की माला, 9. दंत की माला, 10. शंख की माला, 11. सींग की माला, 12. पत्र की माला, 13. पुष्प AR की माला, 14. फल की माला, 15. बीज की माला, 16. हरित (वनस्पति) की माला बनाता है और अथवा बनाने वाले का समर्थन करता है। 4 4. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से तृण की माला यावत् हरित की माला रखता है अथवा रखने वाले का समर्थन करता है। जर 5. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से तृण की माला यावत् हरित की माला पहनता है अथवा पहनने वाले का समर्थन करता है। घर 6. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से 1. लोहे का कड़ा, 2. ताँबे का कड़ा, 3. त्रपुष का कड़ा, * 4. शीशे का कड़ा, 5. चाँदी का कड़ा, 6. सुवर्ण का कड़ा बनाता है अथवा बनाने वाले का घटे समर्थन करता है। 7. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से लोहे का कड़ा यावत् सुवर्ण का कड़ा रखता है अथवा रखने की वाले का समर्थन करता है। 8. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से लोहे का कड़ा यावत् सुवर्ण का कड़ा पहनता है अथवा पहनने र वाले का समर्थन करता है। 9. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से 1. हार, 2. अर्धहार, 3. एकावली, 4. मुक्तावली, 5. कनकावली, 6. रत्नावली, 7. कटिसूत्र, 8. भुजबंध, 9. केयूर (कंठा), 10. कुंडल, 11. पट्ट, 12. मुकुट, 13. प्रलम्बसूत्र, 14. सुवर्णसूत्र बनाता है अथवा बनाने वाले का समर्थन करता है। 10. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से हार यावत् सुवर्णसूत्र रखता है अथवा रखने वाले का समर्थन से करता है। 11. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से हार यावत् सुवर्णसूत्र पहनता है अथवा पहनने वाले का समर्थन ४ करता है। 12. जो भिक्षु कौतूहल के संकल्प से 1. मूषक आदि के चर्म से निष्पन्न वस्त्र, 2. सूक्ष्म वस्त्र, तर ___3. सूक्ष्म व सुशोभित वस्त्र, 4. अजा के सूक्ष्मरोम से निष्पन्न वस्त्र, 5. इन्द्रनीलवर्णी कपास से | निशीथ सूत्र (292) Nishith Sutra 6.
SR No.002486
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakavsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2015
Total Pages452
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size20 MB
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