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________________ 29. The ascetic who tells about the valuable metals to a householder or non-believer or supports the ones who tells so. 30. The ascetic who tells about the hidden treasure to the householder or the nonbeliever or supports the ones who does so, a laghu-chaumasi atonement comes to him. पात्र आदि में अपना प्रतिबिम्ब देखने का प्रायश्चित्त REPENTANCE OF SEEING ONES OWN REFLECTION IN THE POT 31. जे भिक्खू मत्तए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 32. जे भिक्खू अद्दाए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 33. जे भिक्खू असीए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 34. जे भिक्खू मणिए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 35. जे भिक्खू कुंड - पाणए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 36. जे भिक्खू तेल्ले अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 37. जे भिक्खू महुए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 38. जे भिक्खू सप्पिए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 39. जे भिक्खू फाणिए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 40. जे भिक्खू मज्जए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । 41. जे भिक्खू वसाए अप्पाणं देहइ, देहंतं वा साइज्जइ । T 31. जो भिक्षु पात्र में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है । 32. जो भिक्षु शीशे में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। 33. जो भिक्षु तलवार में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। 34. जो भिक्षु मणि में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। 35. जो भिक्षु कुंड आदि के पानी में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। 36. जो भिक्षु तेल में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। 37. जो भिक्षु मधु (शहद) में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। 38. जो भिक्षु घी में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। 39. जो भिक्षु गीले गुड़ में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। 40. जो भिक्षु मद्य में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। 41. जो भिक्षु चरबी में अपना प्रतिबिम्ब देखता है अथवा देखने वाले का समर्थन करता है। (उसे लघुचौमासी प्रायश्चित्त आता है ।) निशीथ सूत्र (234) Nishith Sutra
SR No.002486
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakavsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2015
Total Pages452
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size20 MB
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