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________________ है 13. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से पत्र लिखता है, लिखवाता है या पत्र लिखने के * लिए बाहर जाता है अथवा जाने वाले का समर्थन करता है। 14. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से स्त्री की योनि या अपानद्वार के अग्र भाग को १ "भिलावा" आदि औषधि के द्वारा शोथ युक्त अर्थात् पीडायुक्त करता है अथवा करने वाले का १ समर्थन करता है। 815. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से स्त्री की योनि या अपानद्वार के अग्र भाग को १ भिलावा आदि औषधि के द्वारा रोगग्रस्त करके उसे अचित्त शीतल जल या उष्ण जल से एक बार या अनेक बार धोता है अथवा धोने वाले का समर्थन करता है। 16. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से स्त्री की योनि या अपानद्वार के अग्र भाग को भिलावा आदि औषधि के द्वारा रोगग्रस्त करके उसे अचित शीतल जल या उष्ण जल से धोकर किसी प्रकार का लेप एक बार या अनेक बार लगाता है अथवा लगाने वाले का समर्थन करता 28 17. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से स्त्री की योनि या अपानद्वार के अग्र भाग को · भिलावा आदि औषधि के द्वारा रोगग्रस्त करके उसे अचित शीतल जल या उष्ण जल से धोकर किसी प्रकार का लेप लगाकर तेल यावत् मक्खन से एक बार या अनेक बार मालिश करता है अथवा मालिश करने वाले का समर्थन करता है। 8 18. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से स्त्री की योनि या अपानद्वार के अग्र भाग को भिलावा आदि औषधि के द्वारा रोगग्रस्त करके उसे अचित शीतल जल या उष्ण जल से धोकर र किसी प्रकार लेप लगाकर तेल यावत् मक्खन से मालिश करके किसी सुगंधित पदार्थ से एक बार या अनेक बार सुवासित करता है अथवा करने वाले का समर्थन करता है। 19. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से बहुमूल्य वस्त्र' रखता है अथवा रखने वाले का समर्थन करता है। 20. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से 'अखण्ड वस्त्र (थान)' रखता है अथवा रखने वाले का समर्थन करता है। 21. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से 'धोकर रंग (नील आदि) लगाए हुए वस्त्र' रखता है अथवा रखने वाले का समर्थन करता है। जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से 'रंगीन वस्त्र' रखता है अथवा रखने वाले का समर्थन करता है। 23. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से अनेक रंग के या चित्रित (छपाई युक्त) वस्त्र' ले रखता है अथवा रखने वाले का समर्थन करता है। 24-77. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से अपने पैरों का एक बार या अनेक बार घर्षण करता है अथवा घर्षण करने वाले का समर्थन करता है, इस प्रकार तीसरे उद्देशक के सूत्र 16 से 69 तक के आलापक के समान यहाँ जान लेना चाहिए यावत् जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन छठा उद्देशक (129) Sixth Lesson
SR No.002486
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakavsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2015
Total Pages452
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size20 MB
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