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________________ 8 27. जे भिक्खू "चित्ताई" दारुदंडाणिवा, वेणुदंडाणि वा वेत्त दंडाणि वा करेइ, करेंतं वा साइज्जइ। है 28. जे भिक्खू"चित्ताई" दारुदंडाणिवा, वेणुदंडाणिवा वेत्तदंडाणि वा धरेइ, धरेंतं वा वा साइज्जइ। 29. जेभिक्खू"विचित्ताई" दारुदंडाणि वा, वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ, करेंतं वा साइज्जइ। ११ 30. जे भिक्खू"विचित्ताई" दारुदंडाणि वा, वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेइ, धरेंतं वा साइज्जइ। तर, 25. जो भिक्षु सचित्त काष्ठ, बाँस या बेंत के दंड बनाता है अथवा बनाने वाले का समर्थन करता है। 26. जो भिक्षु सचित्त काष्ठ, बाँस या बेंत के दंड धारण करता है अथवा करने वाले का समर्थन करता 20 27. जो भिक्षु काष्ठ, बाँस या बेंत के रंगीन दंड बनाता है अथवा बनाने वाले का समर्थन करता है। 28. जो भिक्षु काष्ठ, बाँस या बेंत के रंगीन दंड धारण करता है अथवा करने वाले का समर्थन करता 29. जो भिक्षु काष्ठ, बाँस या बेंत के अनेक रंगों वाले दंड बनाता है अथवा बनाने वाले का समर्थन करता है। 30. जो भिक्षु काष्ठ, बाँस या बेंत के अनेक रंगों वाले दंड धारण करता है अथवा धारण करने वाले है का समर्थन करता है। (उसे लघुमासिक प्रायश्चित्त आता है।) 25. The ascetic who makes staff of living wood, bamboo or cane or supports the ones who makes so. 26. The ascetic who keeps the staff made of living wood, bamboo, or cane or supports the ones who keeps so. The ascetic who makes the coloured staff of wood, bamboo and cane or supports the ones who makes so.. The ascetic who keeps the coloured staff made of wood, bamboo and cane or support the ones who keeps so. The ascetic who makes the multi-coloured staff of wood, bamboo and cane or supports the ones who makes so. . The ascetic who keeps the multi coloured staff made of wood, bamboo and cane or supports the ones who keeps so, a laghu-masik expiation comes to him. नवनिर्मित ग्रामादि में प्रवेश करने का प्रायश्चित्त THE ATONEMENT OF ENTERING INTO THE NEWLY BUILT VILLAGE ETC 31. जे भिक्खू"णवग-णिवेसंसि" गामंसि वा, नगरंसि वा, खेडंसि वा कब्बडसिवा, मडंबंसि वा, रे दोणमुहंसि वा, पट्टणंसि वा, आसमंसि वा, सण्णिवेसंसि वा, निगमंसि वा, संबाहंसि वा, तर रायहाणिंसि वा अणुप्पविसित्ता असणंवा पाणं वा खाइमं वा साइमंवा पडिग्गाहेइ, पडिग्गाहेंतं तर वा साइज्जइ। निशीथ सूत्र (118) Nishith Sutra
SR No.002486
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakavsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2015
Total Pages452
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size20 MB
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