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घर
तारतासारतासारस्तानी
37. The ascetic who incites the forgiven old strifes, or supports the ones who does so,
a laghu-masik expiation comes to him. हास्य-प्रायश्चित्त । THE ATONEMENT OF LAUGHING
38. जे भिक्खू मुहं विप्फालिय-विष्फालिय हसइ, हसंतं वा साइज्जइ। 22 38. जो भिक्षु मुँह फाड़-फाड़ कर हँसता है अथवा हँसने वाले का समर्थन करता है। (उसे लघुमासिक
प्रायश्चित्त आता है।) The ascetic who laughs very loudly, or supports the ones who laughs so, a laghumasik atonement comes to him. विवेचन-मुँह का अधिक खोलकर या विकृत कर अमर्यादित हँसने का यहाँ प्रायश्चित्त कहा गया है।
क सूत्र में कहा गया है कि आपस में बातें करने व हँसी ठट्ठा करने में समय खर्च न करते हुए साधु को और सदा स्वाध्याय ज्ञान ध्यान में लीन रहना चाहिए।
दृष्टांत-एक राजा रानी के साथ झरोखे में बैठा था। उसे राजपथ की ओर देखते हुए रानी ने कहा-"मृत मनुष्य हँस रहा है।" राजा के पूछने पर रानी ने साधु की तरफ इशारा किया और स्पष्टीकरण किया कि इहलौकिक सम्पूर्ण सुखों का त्याग कर देने से यह मृतक के समान है, फिर भी हँस रहा है। अतः साधु को मर्यादित मुस्कराने के अतिरिक्त हा-हा करते हुए नहीं हँसना चाहिए।
Comments-There is a law of expiation of uncontrolled laughing. It has been narrated in Dasvaikalik Sutra that the ascetic not wasting time in idle talks or in jokes, should keep him-self busy in study in holy scriptures.
(An Allegory) A dramatic composition-once a king was sitting in the lattice window along with his Queen. Suddenly having seen the highway the queen said, "The dead man is laughing." On king's query the queen alludes toward the monk. She said that this ascetic was like a dead body after renouncing the mundane luxuries, even then he is laughing'. Therefore, the ascetic must not laugh loudly.
तारतरता
XIXOXIM
पार्श्वस्थ आदि को संघाटक के आदान-प्रदान का प्रायश्चित्त । THE EXPIATION OF TAKING AND GIVING CLOTH ETC. THE 'PARSHVASTH' (IGNOROUS)
ETC. FOR COMPANY SAKE 82 39. जे भिक्खू पासत्थस्स' संघाडयं देइ, देंतं वा साइज्जइ। और 40. जे भिक्खू पासत्थस्स' संघाडयं पडिच्छइ, पडिच्छंतं वा साइज्जइ।
41. जे भिक्खू ओसण्णस्स' संघाडयं देइ, देंतं वा साइज्जइ। 39 42. जे भिक्खू ओसण्णस्स' संघाडयं पडिच्छइ, पडिच्छंतं वा साइज्जइ। 42 43. जे भिक्खू 'कुसीलस्स' संघाडयं देइ, देंतं वा साइज्जइ। पर 44. जे भिक्खू'कुसीलस्स' संघाडयं पडिच्छइ, पडिच्छंतं वा साइज्जइ। 8 45. जे भिक्खू संसत्तस्स' संघाडयं देइ, देंतं वा साइज्जइ।
चतुर्थ उद्देशक
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Fourth Lesson